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7 वर्ष से अलग रह रहेपति पत्नी को मिलाया न्यायालय में वरमाला पहनवाकर मांग भरवाकर विधिवत घर भेजा

सागर/04.07.2022
द्वितीय जिला न्यायाधीश माननीय श्री शिव बालक साहू जी के न्यायालय में आज एक तलाक के प्रकरण में 7 वर्ष से अलग रह रहे पति पत्नी को पुनः एक करा कर उनके मध्य में अच्छे संबंध पुनः स्थापित करा कर विधिवत मंत्रोच्चार और वरमाला पहन वाकर द्वारा आवेदक अनावेदक जो वर वधु के रूप में थे उनको मांग में सिंदूर भरवा कर एक कराया,
प्रकरण इस प्रकार है कि 2015 में आवेदक और अनआवेदीका विवाह हुआ था।
आवेदक पुरुष सागर का और अनवेदिका ललितपुर निवासी है ( विधि अनुरूप नाम विलोपित किये है) जो 7 वर्षों से एक दूसरे से विवाह के उपरांत अलग रह रहे थे विवाह के 6 माह बाद ही पति-पत्नी के मध्य में विवाद उत्पन्न हो गया था,,
जिला न्यायालय सागर के द्वितीय  जिला न्यायाधीश श्री शिव बालक साहू जी के न्यायालय में इनकी मध्य में तलाक का प्रकरण चल रहा था और पति-पत्नी के मध्य में भरण-पोषण धारा 9 हिंदू विवाह अधिनियम और घरेलू हिंसा जैसे अन्य प्रकरण भी चल अन्य न्यायलयों में लंबित थे। लेकिन न्यायालय ने इन सभी प्रकरणों से हटकर पति और पत्नी को समझाइश दी उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया उन के मध्य में चल रहे विवाद को समाप्त करवाया तथा एक साथ जीवन जीने के अच्छे प्रभाव को भी समझाया दोनों को व्यापक जीवन जीने के नियम समझाएं न्यायालय की समझाइश पर पति पत्नी ने पुनः एक होना स्वीकार किया तब न्यायालय ने दोनों पक्षों के परिवार जनों से व्हाट्सएप में वीडियो कॉल करा कर वीडियो कॉल से बात की और न्यायालय में उपस्थित पति पत्नी को पुनः मिलाने के लिए न्यायालय के अधिवक्ताओं को भी बुलाया और सभी के समक्ष वरमाला पहना कर मांग भरवा कर विवाह एक बार पुनः ऐसी नीति अपनाई कि पति-पत्नी को लगे कि आज से वे  दुखद समय भूलकर नव जीवन में प्रवेश कर रहे हैं और अच्छा जीवन प्रारंभ करने वाले है, दोनों पक्षों न्यायालय में न्यायालय के समक्ष पूर्ण विधि संगतविधि से एक कराया गया,, मंत्रोचार अपर लोक अभियोजक पं दीपक पौराणिक ने किया।
न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं से उन्हें आशीर्वाद भी दिलवाया जिनमें श्री रूप सिंह यादव जी सम्मिलित थे,सभी उपस्थित अधिवक्ता ने भी आशिर्वाद दिया,,अनवेदिका के अधिवक्ता पवन कुर्मी आवेदक के अधिवक्ता एनके साहू प्रकरण में उपस्थित थे वहां उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने भी और समस्त न्यायालय के कर्मचारियों ने ऐसा देखकर प्रसन्नता जाहिर की आवेदक आना वेदिका एक हुए और न्यायालयों ने खुशी-खुशी उन्हें घर भेजा।

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