तालाब फूटा 30 एकड़ में लगी गन्ने और धान की फसल बर्बाद
किसानों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मुआवजा प्रदान करने की रखी मांग
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट
क्षेत्र के पठार अंचल की ग्राम पंचायत महकेपार के ग्राम कोसमटोला में स्थित सिंचाई विभाग का बड़ा तालाब और पंचायत का छोटा तालाब अतिवर्षा की वजह से गत माह 13 जुलाई की रात्रि में फुट गया है. तालाब फूटने की इस घटना में आसपास के करीब 20 से अधिक किसानों के तकरीबन 30 एकड़ के खेतों में लगी धान और गन्ने की फसल बर्बाद हो गई. जिसकी सूचना किसानों के द्वारा हल्का पटवारी को दी गई थी. हल्का पटवारी ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया था और पंचनामा की कार्रवाई भी की थी. जिन किसानों को इस हादसे में नुकसान हुआ है उन किसानों को अब तक प्रशासन ने कोई मदद नहीं की है ऐसे में प्रभावित किसानों ने जनपद पंचायत सदस्य विनोद पंचभाई एवं पूर्व सरपंच प्रकाश सोनवाने के नेतृत्व में मंगलवार को जिला मुख्यालय बालाघाट पहुंचकर कलेक्टर और कटंगी में एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल मुआवजा प्रदान करने की मांग की है। किसानों ने अपने ज्ञापन में बताया कि फसल बर्बाद होने की वजह से सभी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है किसान अपने ज्ञापन में कहते हैं कि उन्हें अगर शीघ्र मुआवजा नहीं मिला तो वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
कोसमटोला तालाब फूटने से प्रभावित किसान रमेश गोपाले, ताकतराम, छन्नूलाल, रविंद्र गोपाले, अंतराम गोपाले, दीनदयाल गोपाले, दिलीप गोपाले, जीवन गोपाले, विजय गोपाले, भरतलाल गोपाले, शिवचरण गोपाले, नीलेश्वर गोपाले, रोशन गोपाले, दयाराम, सोमाजी, धरमचंद, डुलीचंद, प्रमिला, बाबूलाल वरकडे, प्रेमचंद, युवराज अड़माचे, मनीराम, लक्ष्मीबाई परते, शिवलाल तथा किशोर सहित अन्य किसानों ने बताया कि पटवारी ने 14 जुलाई को मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया था जिसकी रिपोर्ट संभवत इसी दिन तहसील कार्यालय तिरोड़ी में जमा भी करा दी गई किंतु आज तक किसानों को राहत राशि नहीं मिली है किसानों का कहना है कि ग्राम पंचायत महकेपार के द्वारा भी इस बात की पुष्टि की गई है कि तालाब के फूटने से किसानों की फसल बर्बाद हुई है साथ ही कृषि भूमि भी नष्ट हुई है. जिसका सुधार कार्य करना बेहद आवश्यक है परंतु प्रशासन ना तो मुआवजा प्रदान कर रहा है और ना ही कृषि भूमि सुधार कार्य करवा रहा है. किसान रमेश पिता आसाराम ने बताया कि तालाब के फूटने की वजह से उसके खेत की कुआं और मीनाक्षी तालाब बर्बाद हो गए. मीनाक्षी तालाब में मत्स्य पालन किया था पूरी मछलियां पानी के बहाव में बह गई।