सागर कलेक्टर दीपक आर्य पहुंचे सीएम राइज स्कूल
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विपिन दुबे ! सागर
बच्चों बताओ औसत वर्षा मापने के लिए कौन सी विधि अपनाई जाती है ? उसका सूत्र क्या है? अंकगणित-बीजगणित में क्या अंतर है …? इसके अलावा कई ऐसे सवाल जिले के मुखिया डीएम दीपक आर्य ने बच्चों से किए और संतोषजनक जवाब पाने पर खुश हुए! बच्चों के सवालों के उन्होंने भी जवाब देकर अपनी बचपन की शिक्षा के अनुभव शेयर किए ! उन्होंने बच्चों से कहा खूब मन लगाकर पढ़ो और अपने माता-पिता स्कूल और देश प्रदेश का नाम रोशन करो!कलेक्टर का नाम सुनते ही जेहन में एक अजीब सा माहौल बन जाता है; जिनके चेंबर में जाने से कुछ लोग झिझक महसूस करते हैं तो कुछ डरते हैं; लेकिन सागर कलेक्टर बच्चों के बीच हंसमुख और जहां जिस तरह की जरूरत होती है अपने व्यवहार से जनता का दिल जीत लेते हैं और जहां गलत होता है वहां बता देते हैं सागर डीएम बहुत “तेजतर्रार” है!एमएलबी स्कूल में सोमवार को हुआ कलेक्टर और बच्चों के बीच संवाद इतना सहज-सरल था की बच्चों को प्रोत्साहन देकर सार्थक संवाद करने वाले अफसर ऐसे होना चाहिए वहां मौजूद हर शख्स यही कह रहा था! हालांकि कलेक्टर दीपक आर्य की बात चाहे निरीक्षण की हो; जिले में ग्रामीण अंचलों के दौरों की या मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की जनता की मर्ज पर मरहम लगाने वाले बेहद संजीदा अफसर है! सोमवार को कलेक्टर आर्य अचानक महारानी लक्ष्मीबाई कन्या विद्यालय क्रमांक- 1 सीएम राइज स्कूल पहुंचे, जहां उन्होंने छात्र-छात्राओं से सहित शिक्षकों से शैक्षणिक जानकारी के संबंध में पूछताछ की। कक्षाओं में पहुंचकर छात्राओं से सवाल-जवाब भी किए । कलेक्टर आर्य जब कक्षा 12वीं की गणित विषय की कक्षा में पहुंचे तब उन्होंने छात्राओं से उनकी पाठ्य पुस्तकों के संबंध में जानकारी ली। छात्राओं को उन्होंने बताया कि वे एनसीईआरटी की पाठय पुस्तकों से ही अध्ययन करें। उन्होंने कहा इस प्रकार की पुस्तकों सेअध्ययन करने से विस्तृत एवं गहन ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने छात्राओं से बीजगणित और अंकगणित के संबंध में जानकारी लेकर पूछा – औसत वर्षा निकालने के लिए कौन सी विधि अपनाई जाती है? कलेक्टर आर्य ने न केवल गणित विषय से संबंधित प्रश्न पूछे बल्कि उन्होंने अन्य कक्षाओं में पहुंचकर भौतिक, राजनीति शास्त्र; अंग्रेजी एवं हिंदी के संबंध में भी विस्तार से जानकारी ली। कलेक्टर आर्य ने छात्राओं से यह भी पूछा कि सीएम राइज स्कूल एवं पूर्व के स्कूल में आप क्या अंतर महसूस करते हैं? उन्होंने शिक्षकों से कहा कि छात्र – छात्राओं को टेस्ट बुक से ही पढ़ाई कराएं क्योंकि टेस्ट बुक से पढ़ाई कराने से संबंधित विषय का गहन अध्ययन होता है और यह अध्ययन आगे के लिए लाभदायी होता है।