सागर 30 सितंबर 2022
परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि प्रदेश में ई-ऑटो से जहाँ एक ओर बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल एवं डीजल पर होने वाले व्यय पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कामर्शियल वाहनों का फिटनेस अभी तक मेन्युअल ही किया जा रहा है। कम्प्यूटरीकृत फिटनेस के लिए प्रदेश में संभागीय स्तर पर ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस सेंटर की स्थापना के प्रस्ताव भी आमंत्रित किए गए हैं।
परिवहन मंत्री राजपूत मंत्रालय में ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस सेंटर स्थापना एवं ई-रिक्शा के संचालन के लिए परिवहन अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। बैठक में परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, परिवहन अपर आयुक्त अरविन्द सक्सेना एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री राजपूत ने बताया कि प्रदेश में आम नागरिक आवागमन के लिए ऑटो का उपयोग अधिक करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास प्रदेश में इको फ्रेंडली बसों के संचालन का भी है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-ऑटो के संचालन पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल एवं डीजल ऑटो मालिक चाहे तो स्वयं अपने पुराने ऑटो में ई-किट लगवा सकते हैं, जिस पर 40 से 50 हजार रूपये तक व्यय संभावित है अथवा नया ई-ऑटो भी क्रय कर सकते हैं।
व्हीकल फिटनेस सेंटर
परिवहन मंत्री राजपूत ने व्हीकल फिटनेस सेंटर की स्थाना की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अभी तक कामर्शियल वाहनों का फिटनेस मेन्युअल किया जा रहा है। ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस सेंटर की स्थापना से वाहनों के आइल लीकेज, ब्रेक, लाइट, बेटरी, आदि की चेकिंग के बाद ही फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिटनेस सेंटर संभागीय स्तर पर खोले जायेंगे।
पर्यावरण प्रदूषण रोकने ई-ऑटो चालन पर विचार – परिवहन मंत्री राजपूत
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