सागर
विपिन दुबे ! सागर
इन दिनों सागर शहर के अलावा सागर सेंट्रल जेल भी माता रानी के जयकारों से गूंज रहा है! जेल परिसर में विराजी मां दुर्गा प्रतिमा के समक्ष सुबह हवन-पूजन के अलावा शाम को भव्य आरती हो रही है! यहां करीब 200 से ज्यादा कैदी शक्ति की भक्ति की आराधना में लीन होकर 9 दिन व्रत किए हुए हैं; जिन्हें जेल प्रशासन की ओर से फलाहार की व्यवस्था है ! जेल अधीक्षक राकेश भांगरे के नेतृत्व में सागर सेंट्रल जेल एक आध्यात्मिक केंद्र बन गया है ! साल में दो बार भागवत या शिवपुराण के अलावा जैन संत मुनियों के प्रवचन; हर शनिवार और मंगलवार को सुंदरकांड पाठ सहित कई धार्मिक आयोजन ऐसे हो रहे हैं जिनसे कैदी अपने किए पाप का पश्चाताप कर अध्यात्म की राह पकड़ते हैं ! गणेश-दुर्गा प्रतिमा विराजमान कर धार्मिक आयोजन ऐसे हो रहे हैं मानो उन 9 दिनों के लिए कैदियों को नहीं लगता कि हम जेल में है! सबसे बड़ी बात यह है सागर जेल में 2000 कैदी है जिनमें से पांच सौ से ज्यादा कैदी एकादशी का व्रत रखते हैं ! गले में तुलसी की माला और सत्संग के माध्यम से उनका अब यही संदेश है जीवन में गलती हर इंसान से होती है लेकिन सुधार करने से बाकी जीवन संवर जाता है ! इसके अलावा इस जेल की खासियत है कि मध्यप्रदेश के 11 सेंट्रल जेलों में सिर्फ हथकरघा केंद्र इसी जेल में संचालित है! इस केंद्र में 109 कैदी काम करते हैं! और हथकरघा केंद्र की लागत बिना सरकारी मदद के जनभागीदारी से करीब ₹ एक करोड़ है! जेल अधीक्षक राकेश भांगरे का कहना है मेरा पूरा प्रयास है की कैदी अपनी सजा पूरी करने के बाद जब निकले तो उनके परिवार और समाज के लोग भी ताजुब करें की फला व्यक्ति अध्यात्म से ऐसा जुड़ गया कि उसने पाप और गलतियों से तौबा कर ली! उन्होंने बताया मेरा प्रयास है कि सत्संग के माध्यम से कैदियों के जीवन का रास्ता बदल जाए ! सोमवार को मातारानी की आरती में जेल अधीक्षक राकेश भांगरे, जेलर राकेश कुशवाहा, जेल डॉक्टर के अलावा कथाअचार्य पंडित राजेंद्र कृष्ण शास्त्री, पत्रकार विपिन दुबे शामिल हुए!