*हेड लाइन* –
*झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 8 वर्षीय मासूम की हुई मौत,बड़ा सवाल जिम्मेदार कौन रतलाम जिले मैं झोलाछाप डॉक्टरों का बोल बाला और जिम्मेदार मोन*
एंकर – रतलाम जिले में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टर की एक बड़ी लापरवाही सामने आई हैं झोलाछाप डॉक्टर ने 8 वर्षीय मासूम को ओवरडोज देने से मासूम की जान चली गई हैं रतलाम जिले के ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप और बंगाली अवैध रूप से बेपरवाह और धड़ल्ले से गाँव गाँव घूम रहे हैं और कई गांव में छोटे-मोटे अस्पताल भी खोल कर बैठे और जिम्मेदारों की ओर से किसी तरह की कोई रोकथाम नहीं आम जनता की जान के साथ आखिरकार कब तक यूं ही चलता रहेगा ।
बाइट – 01 मृगेंद्र सिह ( जावरा सिसोदिया )
बाइट – 02 दर्शना मुजाल्दा ( रिंगनोद थाना प्रभारी )
बाइट – 03 श्याम गुर्जर ( परिजन
बाइट – 04 गोपाल गुर्जर ( परिजन )
वीओ – रतलाम जिले के रिंगनोद गाँव में झोलाछाप के इलाज से गाँव मुंडला निवासी 8 साल का मासूम अरिहंत पिता बलवंत सिंह गुर्जर की मौत हो गई बच्चे की मौत की जानकारी मिल तेहि झोलाछाप क्लीनिक छोड़कर भाग गया इधर पुलिस को भागने की सूचना मिलने पर पुलिस ने सख्ती से उसकी तलाश शुरू कर दी कुछ घंटे के बाद ही बंगाली को हिरासत में ले लिया ।
वीओ – दरअसल विश्वसनीय सूत्र के द्वारा बताया गया कि यह तपन विश्वास बंगाली डॉक्टर लगभग 25 वर्ष पूर्व गांव रिंगनोद आया था और तभी से ही गांव में अवैध रूप से हॉस्पिटल संचालित कर आम जनता का इलाज कर रहा था कल शुक्रवार शाम बलवंत सिंह गुर्जर मुंडला गाँव निवासी अपने 8 वर्षीय बेटे अरिहंत को खांसी जुकाम हो गई थी इसी जुकाम खांसी का इलाज करवाने फर्जी बंगाली तपन विश्वास के पास पहुंचा था झोलाछाप ने मासूम को मोनोसेफ 500 एमजी का इंजेक्शन देने से बच्चे की तबीयत जायदा खराब होने पर उसे तुरंत जावरा के सिविल अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही मासूम ने दम तोड़ दिया था जावरा सिविल हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर मासूम का परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया इधर झोलाछाप बंगाली बच्चे की मौत की सूचना मिलते ही अपना क्लीनिक छोड़ भाग गया देर रात रिंगनोद पुलिस ने दबोच लिया ।
वीओ – शनिवार के दिन अमृत को बंगाली के घर के सामने जमीन पर रख कर परिजन व ग्रामीणों के द्वारा बंगाली के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई व उसकी संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर आड़े रहे एसडीओपी रविन्द्र बिलवाल टीआई तहसीलदार समझाइश देते रहे मगर ग्रामीण काफी देर तक नहीं माने तहसीलदार के द्वारा बंगाली पर कड़ी कार्यवाही 24 घण्टे मैं करने का आश्वासन दिया तब जाकर परिजन व ग्रामीण माने इधर परिजन और ग्रामीणों का कहना है कि अगर 24 घंटे में कोई बड़ी कार्रवाई अगर नहीं की गई तो 24 घंटे के बाद पुनः धरना देंगे ।
*जेबीटी आवाज टीवी ब्यूरो*