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आशीष अग्रवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार व मुंबई हाई कोर्ट से रबर फैक्ट्री की रिट याचिका को किया तलब

आशीष अग्रवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार व मुंबई हाई कोर्ट से रबर फैक्ट्री की रिट याचिका को किया तलब

जनपद बरेली फतेहगंज पश्चिमी _ भाजपा नेता व्यापार मंडल अध्यक्ष आशीष अग्रवाल की जनहित याचिका को स्वीकार करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार व बॉम्बे हाईकोर्ट से रबड़ फैक्ट्री की रिट याचिकाओं को तलब किया है, वर्षो बाद बरेली में ओधोगिक सिडकुल की स्थापना की उम्मीदों को पंख लगने लगे हैं, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका स्वीकार होने के बाद प्रदेश सरकार ने भी जमीन वापसी को लेकर कड़ी पैरवी शुरू कर दी हैं,
किसी जमाने मे एशिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री कही जाने वाली रबड़ फैक्ट्री का मामला 23 वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा था, पिछले छः महीने से लगातार रबड़ फैक्ट्री की तेरह सौ एकड़ जमीन सरकार को वापस दिलाने की मुहिम फतेहगंज पश्चिमी निवासी भाजपा नेता अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने शुरू की थी, जिसके अंतर्गत श्री अग्रवाल ने केंद्र व प्रदेश के सौ मंत्रियो तक रबड़ फैक्ट्री के मामले को दिल्ली लखनऊ के दरबारों में उठाया था, जिसमे धीरे धीरे प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति तक प्रदेश सरकार की 18 अरब रुपये कीमत की वेशकीमती जमीन बॉम्बे हाईकोर्ट रिसीवर के कब्जे का मामला उठा था, मजबूत पैरवी के नतीजन बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार की तरफ से महाअधिवक्ता की नियुक्ति हो गई, और बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई भी शुरू हो गई। फैक्ट्री के कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान की उम्मीदें भी पुनः जागने लगीं। बॉम्बे हाईकोर्ट में हर साल महीने सुनवाई होते देख बरेली जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी रबड़ फैक्ट्री पर बोलना शुरू कर दिया, मामला मुख्यमंत्री के सामने भी उठा तो मुख्यमंत्री ने भी अधिकारियों को कड़ी पैरवी के निर्देश दे डाले, इसी बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में जमीन वापसी के मुकदमे में देरी होने पर व्यापारी नेता आशीष अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर बॉम्बे हाईकोर्ट से केस ट्रांसफर कर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करने की अपील की जिसे एक माह में ही सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया गया।आशीष अग्रवाल ने याचिका में फैक्ट्री प्रबन्धन को लोन देने वाली बैंकिंग संस्थाओ के मुख्य कार्यालय बॉम्बे में ही होने पर बॉम्बे हाईकोर्ट में मामले को लम्बित रखने के आरोप लगाते हुए जनहित में कर्मचारियों के बकाया भुगतान एवं प्रदेश सरकार को जमीन वापस कर ओधोगिक सिडकुल बनाने की मांग की थी पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया था जिसमे अब सुप्रीम कोर्ट के सचिव कमल सिंह ने प्रदेश सरकार की जमीन वापसी याचिका समेत सभी याचिकाओं को बॉम्बे हाईकोर्ट व प्रदेश सरकार से शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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