Homeताजा खबरेग्राम महकेपार में संविधान दिवस समारोह का हुआ आयोजन

ग्राम महकेपार में संविधान दिवस समारोह का हुआ आयोजन

ग्राम महकेपार में संविधान दिवस समारोह का हुआ आयोजन
*प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान,साथ मे हुआ रक्तदान शिविर का आयोजन

सुशील उचबगले की रिपोर्ट

गोरेघाट
✍🏻क्षेत्र के पठार अंचल की ग्राम महकेपार में संविधान दिवस के उपलक्ष पर 27 नवंबर को “संविधान दिवस समारोह” का आयोजन किया गया। पठार संघर्ष समिति और पठार शिक्षा समिति के संयुक्त तत्वाधान में यहां प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान एंव रक्तदान शिविर का आयोजन और संविधान पर मंचीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। संकुल प्राचार्य देवेंद्र घोड़ेश्वर की अध्यक्षता, विकास खंड शिक्षा अधिकारी रविंद्र हरिनखेडे के मुख्य अतिथ्य और सेवानिवृत्त शिक्षक सखाराम इनवाती के विशिष्ट अतिथ्य में समारोह का आयोजन हुआ। अधिवक्ता संजय खोबरागडे बतौर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत में सर्वप्रथम भारतीय संविधान और संविधान शिल्पकार डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, महापुरुष ज्योतिबा फूले माता सावित्रीबाई फुले के छायाचित्र की पूजा अर्चना की गई,इसके पश्चात पठार अंचल के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। जिसके बाद मंचीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

*संविधान ने दिया समता, स्वतंत्रता,बंधुत्वता,न्याय का अधिकार- संजय खोब्रागड़े*
✍🏻मंचीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख वक्ता अधिवक्ता संजय खोबरागडे ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोपरि है. उन्होंने बाबा साहब द्वारा रचित संविधान और उसमें दिए गए नागरिकों के अधिकारों को विस्तार से श्रोताओं से साझा किया। उन्होंने भारतीय संविधान की स्थापना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि किस तरह डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान की रचना की. उन्होंने कहा कि डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 60 देशों के संविधान का अध्ययन कर भारत का संविधान लिखा। उस वक्त संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। संविधान में समता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, मताधिकार, महिलाओं की सुरक्षा, अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को प्रमुखता से शामिल किया गया. उस समय के तमाम कष्टों को झेलने के बावजूद बाबा साहब ने पूरी निष्ठा के साथ भारतीय संविधान की स्थापना की. इसमें हर भारतीय को न्याय दिलवाने के लिए समान नियम और नीतियां बनाई गई।

संविधान सभी धर्म ग्रंथों का रक्षक- तोषल बुरडे*
✍🏻विशिष्ट अतिथि तोशल बुरडे ने कहा कि भारतीय संविधान सभी धर्म ग्रंथों का रक्षक है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संविधान के जनक है और संविधान देश का सबसे बड़ा कानून है इसके प्रति हमें सत्य निष्ठा से पालन करते हुए अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। वहीं अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बातों को साझा किया। शिक्षक सुनील डोगरें के द्वारा संगीत की प्रस्तुती दी गई। इस मौके पर ग्राम पंचायत महकेपार सरपंच यूवचंद सोनवाने, आंजनबिहरी सरपंच दीपक पुष्पतोड़े, बड़पानी सरपंच दीपक गभने, जनपद पंचायत कटंगी विधायक प्रतिनिधि अरविंद देशमुख, तिरोड़ी थाना प्रभारी गहलोत सेमरिया, महक के पार चौकी प्रभारी सहित महकेपार संकुल के तमाम शिक्षक और शिक्षिकाएं और पठार शिक्षा समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।इस सफल कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन पठार संघर्ष समिति के संयोजक एंव ग्रामपंचायत आंजनबिहरी के सरपंच श्री दिपक पुष्पतोड़े के द्वारा किया गया।

*यह प्रतिभावान छात्र-छात्राएं हुए सम्मानित👇🏻*
✍🏻संविधान दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में पठार अंचल के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया,जिसमे कक्षा दसवीं के प्रतिभावान विद्यार्थी डेविड पिता घनश्याम समरगड़े, वैष्णवी पिता हेमराज लिल्होरे, निकिता पिता फूलचंद गाड़ेकर, सलोनी पिता सुरेंद्र परिहार, ममता पिता घुरुलाल बाहेश्वर, अनुराग पिता नंदकिशोर जामुनपाने, आरती पिता लेखराम बमनोटे, आयुष पिता सुनील हांके, क्षितिज पिता राजेश पीपलधरे, महक पिता रमेश पटले, सेजल पिता घनश्याम सोनगढ़े, रुपाली पिता यशवंतराव नागेश्वर और कक्षा 12वीं के तेजस्वी पिता फूलचंद गाडेकर, लक्ष्मीकांत पिता अभिनव भूतांगे, सोनाली पिता कुंदन पुष्पतोड़े, तेजस्व पिता घनश्याम झोड़े, मयंक पिता राजेश झोड़े, पूर्णिमा पिता राजेश गोपाले, सरगम पिता सूरेलाल डहरवाल, मनीषा पिता मूलचंद बांगरे, रोशनी पिता छंदलाल सोनवाने, खुशबू पिता लालचंद पुष्पतोड़े, सुहानी पिता बेनीराम झोड़े को सम्मानित किया गया।

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