दमोह। नगर के होमगार्ड मैदान पर आयोजित श्री राम कथा में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरज कृष्ण शास्त्री ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा सुनाई। पीठाधीश्वर ने कहा कि भक्ति के बिना मुक्ति असंभव है उन्होंने कहा कि संसार में ऐसा कौन नहीं है जो अपनी पूजा नहीं चाहता। उन्होंने श्री राम जी के विवाह का उल्लेख भी किया जिसमें चारों भाई दूल्हा बने हुए हैं माता जानकी सहित चारों दुल्हनो का किस तरह से विवाह शास्त्रोक्त रीति रिवाज से विधि विधान के साथ किया जा रहा है इसका उल्लेख किया उन्होंने शिव पार्वती का भी उल्लेख किया। पीठाधीश्वर ने बताया कि शिव पार्वती भक्ति के कारण स्वयं पूजे गए उनके दोनों बेटे कार्तिकेय एवं श्री गणेश के साथ दोनों बहू एवं दोनों नाती भी पूजे गए उन्होंने कहा यह सब धर्म का प्रताप होता है ऐसा अन्य देवता में देखने नहीं मिला। भक्ति के प्रभाव से पूरा खानदान पूजनीय हो गया यह सब भक्ति का ही प्रताप है। शास्त्री जी ने वृतांत सुनाते हुए कहा कि एक बार जब अयोध्या में राजा दशरथ जी ने ब्राह्मण को निमंत्रण करने के लिए कहा जिन्हें बताया गया था कि ऐसे ब्राम्हण को निमंत्रित किया जाए जिसने कभी किसी के घर भोजन नहीं किया हो। समूचे देशों में पता लगाया गया तो रावण ही एकमात्र ऐसा ब्राह्मण निकला जिसने कभी किसी के घर में भोजन नहीं किया था इसके बाद सुमंत जी को भेजकर रावण के लिए निमंत्रण दिया गया रावण जब भोजन करने पहुंचा तो माता सीता जी ने स्वयं पकाया हुआ भोजन रावण को खिलाया लेकिन इस दौरान एक तिनका सब्जी में गिर गया था माता सीता ने हाथ से उसे निकालना चाहा लेकिन वह अनुचित था इसलिए उन्होंने जब सब्जी में पड़े तिनके को नजर भर के देखा तो तिनका जलकर भस्म हो गया था। इसके बाद शास्त्री जी ने सुंदरकांड की चौपाई तिन धरी ओट कहत वैदेही, सुमर अवध पति परम स्नेही का विस्तार से उल्लेख किया उन्होंने बताया कि जब वह रावण की अशोक वाटिका में थी उस समय रावण उनके सामने आया तो उन्होनें तिनका उठाकर रावण को दिखाया और याद दिलाया कि जिस तरह से नजर भर देखने पर तिनका जलकर राख हो सकता है तो रावण तुम्हार क्या हाल होगा इतना सोच लेना यह सुनकर रावण पीछे हट जाता है फिर माता सीता को छूने तक का साहस नहीं करता।
वृद्ध आश्रम से श्री राम कथा में मंच पर पहुंचे वृद्धजन
श्री वाघेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी देर शाम वृद्ध आश्रम पहुंचे थे जहां पर उन्होंने वृद्धजनों की आरती तिलक के बाद माला पहनाकर तथा कंबल उड़ा कर उनका सम्मान किया था बाद में उनके पैर छुए और आशीर्वाद भी प्राप्त किया था। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने गुरू को लेकर कहां की गुरु एक ऐसा माध्यम है जो भगवान को मिलाने का काम करते हैं अतः गुरु का सम्मान हर व्यक्ति को करना चाहिए क्योंकि मुक्ति तभी मिलती है जब गुरु के माध्यम से हम भगवान को पा जाते हैं।
1 जनवरी को सुबह 10 बजे से होगी श्री राम
श्री वाघेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कथा के दौरान बताया कि 1 जनवरी को अंग्रेजी का नववर्ष है और उस दिन उन्हें बागेश्वर धाम में भी भक्तों को आशीर्वाद देना है अतः कथा का समय परिवर्तित करते हुए 1 जनवरी को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक श्री राम कथा आयोजित की जाएगी बाद में इसी दिन विशाल भंडारा कथा स्थल के समीप आयोजित होगा।