HomeMost Popularसच्चे कलाकार के जीवन की स्याह सच को दिखाता "नट सम्राट"

सच्चे कलाकार के जीवन की स्याह सच को दिखाता “नट सम्राट”

मानस भवन में आयोजित सम्मान समारोह में हुई नाट्य प्रस्तुति

आज किया जाएगा बुंदेला विद्रोह का मंचन

दमोह। नगर के अस्पताल चौराहे स्थित मानस भवन में युवा नाट्य मंच के द्वारा वरिष्ठ कलाकारों के सम्मान सवारों के साथ एकरंग भोपाल द्वारा नाट्य प्रस्तुति नटसम्राट का मंचन शनिवार को किया गया। ‘नटसम्राट’ नाटककार वी.वा. शिरवाडकर के मराठी नाटक का सच्चिदानंद जोशी द्वारा हिंदी रूपांतरण है जिसका निर्देशन व परिकल्पनाजयन्त देशमुख ने की है। शेक्सपीरियन अभिनेता का एकालाप है , जो भूत और वर्तमान दोनों में जीता है। मूल रूप से मराठी नाटक होने के बाद भीहिंदी रंगमंच के दर्शकों के धैर्य को ध्यान में रखते हुए, तीन अंकी नाटक को समयानुसार संपादित किया है। अभिनय, संयत, सात्विक, स्पष्ट , गहरा और ‘लाउड’ है।

रंगमंच अभिनेता का माध्यम है इसलिए अभिनेता को सर्वोपरि मानते हुए मंच सज्जा व प्रकाश व्यवस्था को साधारण ही रखा है और यह नाटक अभिनेता के पारिवारिक व सामाजिक दशा, दिशा और दुर्दशा को अत्यंत मार्मिक ढंग से व्यक्त करता है । कहानी प्रसिद्ध शेक्सपीरियन अभिनेता गणपतराव रामचंद्र बेलवलकर की है, जिसे नट सम्राट की उपाधि से नवाज़ा जाता है, पर जब वह थिएटर से रिटायर्ड होता है, तो वह अभिनय/ रंगकर्म का मोह नही छोड़ पाता है। उसके जीवन में अंतहीन दुख आते हैं, जिन्हें वह एक कुशल अभिनेता की भांति आत्मसात करके अपने जीवन मे नाटक की तरह जीने लगता है। उसकी पत्नी कावेरी (सरकार) और उसके दोनों बच्चे एक लड़का एक लड़की यह मानते हैं कि उन्होंने थिएटर को घर पर ला दिया है। गणपत राव ने अपनी जिंदगी में हैमलेट, ओथेलो एवं जुलियस सीजर जैसे कई नाटको में अभिनय किया है, पर किंगलियर की ट्रैजिडी की तरह अपनी जिंदगी को आँखों के सामने वह घटित होता नहीं देख पाता। कहानी दर्शकों को भरपूर मनोरंजन के साथ कलाकारों के हालातों को पूरी सच्चाई से व्यां करता है और नाटक के दृश्य आसपास के ही प्रतीत होते है।

उम्दा अभिनय कलाकारों का

नाटक के कलाकार मंझे हुए है और अभिनय के साथ नाटक के समस्त पक्ष उम्दा और प्रभावशाली है।
गणपतराव बेलवलकर की भूमिका में आलोक चटर्जी, कावेरी -रश्मि मजूमदार, लड़का/ मि.कलवणकर/नागरिक1- हरीश वर्मा / प्रेम सावलानी , शारदा / मिसेज़ कलवणकर, ज्योति दुबे सुहास – ऐश्वर्या,नीलू – आशी मालवीय/अंजली सिंह , दामाद – संदीप पाटिल /राहुल तिवारी, विठोबा – आशीष ओझा/ जैकी भावसार और राजा की भूमिका में प्रियेश पाल न्याय करते है। नाटक का संगीत पक्ष नाटक की जान है जिसमें संगीत संयोजन उमेश तरकस्वार, प्रकाश संयोजन दिनेश नायर सहित हरीश वर्मा, आशीष ओझा का कार्य प्रभावी है।

नाट्य विषय पर आयोजित हुई संगोष्ठी

इसके पूर्व शनिवार दोपहर नगर के टाइम्स कॉलेज में वरिष्ठ रंगकर्मी यों द्वारा नाट्य विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ रंगकर्मी आलोक चटर्जी, जयंत देशमुख, दद्दा रामसहाय पांडे ने नाट्य और अन्य कला पर अपने विचार रखे।

Vaibhav Nayak
Vaibhav Nayakhttp://Jbtaawaz.com
Journalism is not a job or profession for me.. its a internal task which setissfy my soul.. Always tryed to studdy more and more so that i can be a better in this field.
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