*भगवान गौतम बुद्ध का उपासक होना तभी सार्थक होगा जब हमारे अंदर राष्ट्र,समाज ज प्रति त्याग सेवा के भाव होंगे:- गौरव पारधी*
वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम कौलीवाडा में भारत रत्न डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर जी की भव्य प्रतिमा अनावरण एवं जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम कव्वाली का कार्यक्रम रखा गया जिसमें कव्वाल विजय भारती नागपुर और कव्वाल राखी ताज जबलपुर के द्वारा प्रस्तुति दी गई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गौरव सिंह पारधी जिला उपाध्यक्ष भाजपा बालाघाट उपस्थित हुए साथ ही प्रवीण मेश्राम, एडवोकेट स्वप्निल डोंगरे ,प्रकाश मेश्राम ,आनंद बसोड, रमेश मेश्राम, पी आर चौरे ,अमित फुलमारी ,आर बी ढोके, बुधराम मेश्राम ,अशोक मेश्राम अतिथिगण उपस्थित रहे साथ ही भारत रत्न डॉ बाबा साहेब अंबेडकर स्मारक समिति के सदस्य संजीव ठवरे ,विनोद मेश्राम, खिलेंद्र बारमाटे, राकेश चौरे, आदेश गजभिए, यशवंत मेश्राम, महेश गजभिए ,उषा नागवंशी ,विद्या चौरे, सरिता मेश्राम, धर्मवीणा ठवरे, रीता मेश्राम, सपना गजभिए एवं समस्त बाबा साहेब के अनुयाई एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
पारधी जी ने उद्बोधन में कहा बाबा साहब द्वारा कहा गया की हम सभी को एक दूसरे के प्रति भाई चारे का भाव रखना है समता का भाव रखना है अगर हम ये नही कर पाए तो समझलो की हमने बाबा साहब के विचारो को अपने मन से दूर कर दिया ,शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो जिसके साथ साथ हमें मूल विषय पर भी जाना चाहिए। जब बाबा साहब अंबेडकर जी ने अक्टूबर 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया तब उन्होंने सारे धर्म का अध्ययन किया तत्पश्चात बौद्ध धर्म अपनाने का मूल् कारण इस धर्म में महिलाओं का मान सम्मान एक बड़ा कारण बना। बौद्ध धर्म में सबसे पहले जो महिला भंते बनी उनका नाम मां प्रजापति गौतमी देवी था। साथ ही कहा की हमारा भगवान गौतम बुद्ध का उपासक होना तभी सार्थक होगा जब हमारे अंदर राष्ट्र, समाज के प्रति त्याग,सेवा व प्रेम के भाव होंगे।
*बालाघाट से जेबीटी आवाज टीवी ब्यूरो*