भारतीय रिज़र्व बैंक के स्थापना दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
डॉ. अम्बेडकर ने दलितों, गरीबों, पिछड़ों को सम्मान दिलाया और अर्थव्यवस्था से जोड़ा। सोचो जिस कौम को पैसे रखने का हक नहीं था, देश की सर्वोच्च वित्तीय संस्था उसी कौम की संकल्पना पर बनाई गयी।
जब “भारतीय मुद्रा और वित्त पर रॉयल आयोग” या हिल्टन यंग आयोग भारत आया, तो इस आयोग के प्रत्येक सदस्य ने डॉ अम्बेडकर की पुस्तक “द प्रॉब्लम ऑफ द रुपी – इट्स ओरिजिन एंड इट्स सॉल्यूशन” नाम की पुस्तक को पकड़ा हुआ था। हिल्टन यंग आयोग ने 1926 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और यह रिपोर्ट की सिफारिशों पर थी कि आरबीआई की स्थापना की गई थी। विधान सभा ने इसे RBI अधिनियम 1934 के नाम से पारित किया, इसकी आवश्यकता, कार्यशैली और इसके दृष्टिकोण को डॉ अम्बेडकर ने प्रस्तुत किया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1935 में इसी दिन तस्वीर में आया था।
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने आयोग को साक्ष्य का एक बयान प्रस्तुत किया था और प्रस्तुत बयान में इस मामले पर बाबासाहेब की विशेषज्ञता के स्पष्ट अधिकार और सबूत मिल सकते हैं। यह वाकई शर्मनाक है कि भारत ने बाबासाहेब के विचारों को मान्यता नहीं दी। बाबासाहेब न केवल दलित वर्गों के नेता थे बल्कि एक उच्च विद्वान अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने हमारे लिए, हम सभी के लिए जो कुछ भी किया है, उसके लिए उन्हें पहचान और श्रेय देना ही उचित है।
आज सुरेन्द्र गजभिये, इजि भीमप्रकाश मेश्राम ,बृजेश अतराम ,ललित राहंगडाले, बस्तीराम गेडाम ,दीपेंद्र टेकाम सुमन भलावी, मोहनी चौधरी ,रजनी चौधरी, पल्लवी चौधरी ,ललित राहगडाले सभी लोगो ने रिजर्व बैंक के स्थापना दिवस पर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर लिखित संविधान पुस्तक को हाथ में लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया ।गंगा भवन वार्ड नंबर 3 तुमसर रोड कटंगी (बालाघाट )में हर्षोल्लास के साथ इस दिन की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की गई।