देश की सबसे पहली मेट्रो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1984 को कोलकाता में प्रारंभ हुई थी। अब देश की पहले अंडरवाटर मेट्रो भी कोलकाता में प्रारंभ हो चुकी है जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया।
भारत देश विश्व का तीसरा ऐसा देश बन चुका है जहां अंडर वाटर मेट्रो सेवा प्रारंभ है जो कि अब तक सिर्फ लंदन और पेरिस में ही है।
इसके शुरुआत 2010 से की गई थी, जिसमें एफ कंस कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था अंडरवाटर मेट्रो बनाने के लिए विदेश से सामान भी बुलवाए गए थे, इसे बनाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा कोलकाता की हर जगह की मिट्टी एक जैसी नहीं होने पर 6 महीने तक तक निरीक्षण चलता रहा।
इसका निर्माण 2017 से चालू कर दिया गया और 65 दिनों में ऐसा काम पूरा हो गया हालांकि इसका काम बीच में रुक भी गया क्योंकि संडे की आधी किलोमीटर की दूरी पर ही बोरिंग मशीन एक पत्ता से टकरा गई जिस कारण मिट्टी नीचे दास गई और कहीं घरों की इमारतें फिर नीचे दास गई जिस कारण प्रशासन ने उन्हें होटल में शिफ्ट करवाया।
इसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट के द्वारा इस पर रोक भी लगा दी गई। कई महीनो के बाद जब मिट्टी का दशवो नहीं होने पर इसका काम 2020 से चालू कर दिया गया यह मेट्रो हावड़ा के पूर्वी तट पर साल्ट लेक से जुड़ेगी।
यह मेट्रो हुबली नदी के 33 मीटर नीचे बनाई गई है, जो की ₹520 मीटर लंबा है, और इस मेट्रो की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे से सिर्फ 45 सेकंड में की जा सकती है,जहां पर 5G की सुविधा भी दी गई है इस मेट्रो को बनाने के लिए कुल लागत 15400 करोड़ बताई जाती है।
इसमें चार अंडरग्राउंड स्टेशन भी है जो की हावड़ा मैदान हावड़ा स्टेशन महाकाल और एक्सप्लेनट है । हालांकि अब हावड़ा स्टेशन जो दुनिया के सबसे नीचे यानी कि सबसे नीचे अंडरग्राउंड स्टेशन बन चुका है जो की 30 मीटर नीचे है।
जिसमे एक ATO फीचर है, जिसका मतलब ऑटोमेटिक है जैसे की मेट्रो पायलट एक बटन दबाएगा तो ट्रेन चल पड़ेगी
भारत ने एक बार फिर से इतिहास रच कर देश में अंडरवाटर मेट्रो का प्रारंभ किया जिससे एक दिन में 7 से 10 लाख यात्रियों को मदद मिलती है