बालाघाट लोकसभा में इस समीकरण से 30 साल बाद वापसी कर सकती है कांग्रेस।
जिस तरह बीजेपी ने पवार जाति की महिला प्रत्याशी प्रहलाद पटेल समर्थित को बालाघाट सिवनी लोकसभा से उम्मीदवार घोषित किया है,तो बीजेपी का यह समीकरण है की पवार जाति की होने की वजह से पवार समाज का वोट तो बीजेपी को मिलेगा ही मिलेगा मगर पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल लोधी की वजह से लोधी समाज का कोई प्रत्याशी ना होने के कारण लोधी समाज का वोट भी बीजेपी को मिलेगा,जिससे बालाघाट लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की हार निश्चित है,लेकिन अगर कांग्रेस पार्टी लोधी समाज के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाती है तो ही कांग्रेस जीत सकती है,और बालाघाट जिले में लोधी समाज से पूर्व निर्दलीय सांसद तीन बार के विधायक कंकर मुंजारे जी से बड़ा चेहरा कोई नही है।
मुंजारे जी स्वयं लोधी समाज पिछड़ा वर्ग से आते है और कंकर मुंजारे जी के साथ लोधी समाज के साथ साथ आदिवासी समाज,दलित समाज और मुस्लिम समाज और हर वर्ग का पूरा समर्थन है,कंकर मुंजारे कांग्रेस के प्रत्याशी होते है तो बालाघाट लोकसभा से कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित है,जिसका एक उदहारण हम बालाघाट विधानसभा सीट पर देख चुके है,जब तक की अनुभा मुंजारे निर्दलीय चुनाव लड़ रही थी जिसका फायदा बीजेपी को सीधा मिल रहा था, जहा कांग्रेस पार्टी लगातार कई चुनाव से हार का मूंह देख रही थी,वही कंकर मुंजारे की धर्म पत्नी अनुभा मुंजारे के कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडने पर कांग्रेस की प्रत्याशी अनुभा मुंजारे ने बीजेपी के कद्दावर नेता कहलाने वाले महाकौशल के बड़े नेता सात बार के विधायक और दो बार के सांसद और तीन बार के कैबिनेट मिनिस्टर गौरीशंकर बिसेन को 30 हजार मतों से करारी सिकश्त दी,और कई सालो बाद बालाघाट विधानसभा में कांग्रेस का परचम मुंजारे दंपत्ति के वजह से लहराया है ।।