पंडित राजुल आचार्य पांडे जी को मानद डॉक्टरेट उपाधि से 15 अगस्त को किया जाएगा सम्मानित
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर क्षेत्रवासियों और सत्संग प्रेमियों ने दी बधाई
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट/तिरोड़ी
सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा वक्ता पंडित राजुल आचार्य पांडे को नीति आयोग, दिल्ली की अनुशंसा पर विक्रमशिला विद्यापीठ, भागलपुर द्वारा विद्या वाचस्पति मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें उनकी साहित्यिक और धार्मिक योगदानों के लिए दिया जा रहा है।
पंडित राजुल आचार्य पांडे ने अपनी अब तक की साहित्यिक यात्रा में लगभग 300 स्वरचित कविताओं की रचना की है। इसके अलावा, उन्होंने 400 से अधिक मंचों पर भागवत कथा, शिव महापुराण, राम कथा, देवी महापुराण, हरिवंश महापुराण आदि के सफल आयोजन किए हैं। उनके सत्संग प्रेमी मंडल ने भारतवर्ष के विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थानों में लगभग 50 मंगलमय भागवत कथा आयोजन किए हैं।
आचार्य पांडे जी के योगदान ने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सद्भावना और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा दिया है। उनकी इन सेवाओं के लिए विक्रमशिला विद्यापीठ की अकादमिक परिषद ने उन्हें विद्या वाचस्पति मानद डॉक्टरेट उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह उपाधि उन्हें स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त 2024 को एक विशेष समारोह में प्रदान की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए पंडित राजुल आचार्य पांडे जो ग्राम कुडवा में अपनी बुआ के पास रहकर अपनी शिक्षा ग्रहण किया है जिसमे क्षेत्रवासियों और सत्संग प्रेमी गोरेघाट निवासी सुशील उचबगले, रमन बिटले, डा हितेश डहरवाल, डा टेकचंद बाघमारे, लेखराम बाघमारे, एवम समस्त पठार वासी ने हार्दिक बधाई दी है। मध्य प्रदेश के पचमढ़ी से भी उन्हें बधाइयां प्राप्त हुई हैं। सभी ने उनके उज्जवल भविष्य और निरंतर सफलता की कामना की है।
परिवर्तन योगेश संस्था ने अपने संदेश में कहा कि पंडित राजुल आचार्य पांडे जी का यह सम्मान हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देता है और यह समाज के अन्य सदस्यों को भी प्रेरित करेगा।