समान तत्व और प्रक्रिया से बनती है बड़े ब्रांड और जेनेरिक दवाईयां
जितना बड़ा ब्रांड उतनी दवाई महंगी, इसको दूर करने के लिए भारतीय रेडक्रॉस ने स्थापित किया जन औषधि केंद्र
किफ़ायती कीमतों पर दवाई केंद्र जन औषधि केंद्र जिला अस्पताल में
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने मंगलवार को जिला अस्पताल स्थित ट्रॉमा सेंटर में जन औषधि केंद्र का शुभारंभ किया। यह जन औषधि केंद्र भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा संचालित किया जाएगा। प्राथमिक रूप से इस केंद्र में मंगलवार से ही 287 प्रकार की दवाईयां बाजार मूल्य पर संचालित मेडिकल शॉप की तुलना में 30 से 70 प्रतिशत तक कम कीमत पर मिलना प्रारंभ हो गई है। दवाईयों की आवश्यकता और इसके व्यवसाय के सम्बंध में सिविल सर्जन डॉ.निलय जैन ने कार्यक्रम में कहा कि जेनेरिक और ब्रांडेड दवाईयां एक ही कंपनी में एक ही तत्वों व फ़ार्मूले पर बनती है। लेकिन इसके वितरण और खरीदने व मरीजों तक पहुँचने के अलग-अलग तरीकों के कारण भी दाम बढ़ जाते है। साथ ही कई लोग ऐसा मानते है कि बड़ी ब्रांडेड दवाईयां उपचार में स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ठ होती है। जबकि ऐसा नहीं है। क्योंकि सभी दवाईयां एक सी ही होती है इनके बनने की प्रक्रिया और शामिल होने वाले तत्व भी एक ही होते है। ब्रांडेड कंपनियां एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से दवाईयां मेडीकल शॉप्स तक पहुँचाती है। जबकि जन औषधि केंद्र तक फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया के माध्यम से ही केंद्रों पर पहुँचेगी।
सीएससी पर भी स्थापित करने के प्रयास होंगे
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के शुभारम्भ कार्यक्रम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा व सुना गया। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने कहा कि जेनेरिक दवाईयां बड़ी ही किफायती दाम पर केंद्र पर मिलेगी। इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करना होगा। डॉक्टर्स भी जेनेरिक दवाईयां ही मरीज़ों को प्रिस्क्राइब करेंगे। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक बढ़ाने के लिए सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे को रेडक्रॉस से लायसेंस की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भी दिए है।
केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी
शुभारम्भ के पश्चात कलेक्टर श्री मीना ने जन औषधि केंद्र में दवाईयों के प्रबंध के सम्बंध में जानकारी ली। उन्होंने उन दवाईयों का अवलोकन किया जो जेनेरिक दवाईयां प्राप्त हुई है। साथ ही उन्होंने उन जेनेरिक दवाईयों की कीमत भी देखी जो कम दाम में मिलनी है। कलेक्टर श्री मीना ने फार्मासिस्ट श्री मनीष श्रीवास्तव को एक्सपायरी होने वाली दवाइयों का अलग शेल्फ बना कर रखने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंने उस सूची का अवलोकन किया जो दवाईयां कम कीमतों पर मिलनी है।
मौसम बिसेन, श्री रँगलानी और ऐल्कर ने अनुभव साझा किए
कार्यक्रम के दौरान जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष मौसम बिसेन, पूर्व नपा अध्यक्ष श्री रमेश रँगलानी और श्रीमती लता ऐल्कर व नपा अध्यक्ष श्रीमती भारती ठाकुर के प्रतिनिधि श्री सुरजीत सिंह ठाकुर ने सम्बोधित करते हुए जेनेरिक दवाईयों से होने वाले आर्थिक नुकसान से सचेत किया। मौसम बिसेन ने कहा कि जेनेरिक दवाईयां भी उसी तरह असर करती है। जो बड़े ब्रांड की दवाईयां करती है। उन्होंने अपनी बीमारी का भी उल्लेख करते हुए जेनेरिक दवाईयों को अपनाने का आग्रह किया। इसी तरह श्री रँगलानी ने कहा कि कोई ब्रांडेड एक गोली उन्हें 18 रुपये में खरीदनी पड़ती थी। जबकि जेनेरिक दवाई खरीदने पर पूरा 10 गोलियों का पत्ता 18 रुपये में मिल गया। जबकि उसका असर भी वैसे ही हुआ। श्रीमती लता ने भी जेनेरिक दवाइयां खरीदने की बात कहीं। कार्यक्रम में सीएमएचओं डॉ. मनोज पाण्डे य भी उपस्थित रहें।