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खैरलांजी में बाघ ने किसान को बनाया शिकार

खैरलांजी में बाघ ने किसान को बनाया शिकार

सुशील उचबगले की रिपोर्ट

गोरेघाट/तिरोड़ी

तिरोड़ी तहसील के अंबेझरी पंचायत के ग्राम खैरलांजी में रविवार दिनांक 22/12/2024 को दोपहर करीब 3 बजे किसान सुखराम उइके पिता मुका उइके उम्र लगभग 55 वर्ष को बाघ ने हमला कर अपना शिकार बना लिया। जानकारी अनुसार अम्बेझरी पंचायत अन्तर्गत खैरलांजी ग्राम निवासी सुखराम अपने खेत में बैल जोड़ी से जुताई कर रहा था तभी घात लगाए बाघ ने हमला कर दिया जिससे बैल भाग कर अपने घर पहुंच गए जब घर के लोगो ने देखा कि बैल जोड़ी घर भागकर आई है जिससे घर वालो को संदेह हुआ। जब घर वाले और ग्रामीण खेत में जाकर देखे तो सुखराम के चप्पल और दुपट्टा गिरा मिला जिससे शंका हुई कि कुछ घटित हुआ है। जब घसीटने के निशान से पास में लगी गन्ना बाड़ी में लोगों के ढूंढने पर शेर द्वारा सुखराम को खाते देखे तुरंत हल्ला कर फोरेस्ट टीम को सूचना दी गई। फोरेस्ट गार्ड ओमप्रकाश धुर्वे और डिप्टी रेंजर श्री घोटाफोड़े अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे तो सुखराम का शव गन्ने के खेत में पड़ा मिला और वही पर शेर भी मौजूद था। जब ज्यादा लोगों को शेर ने देखा तो गन्ने बाड़ी में छुप गया काफी मशक्कत के बाद शेर गन्ने बाड़ी से भागा।

घटना सिवनी जिले के कुरई तहसील के सेल्लारी बिट में हुई है जबकि सुखराम खैरलांजी ग्राम का निवासी है और खेत सेल्लारी बिट में आता है जो सिवनी और बालाघाट की सीमा से लगा है

कल ही हुई थी ड्रोन कैमरे से सर्चिंग

खैरलांजी ग्राम में दो दिन पहले ही एक शावक ने गाय के बछड़े को घर में ही हमला कर दिया था मगर घर वालो ने हल्ला किया तो शावक वहां से भाग गया था जिससे गाय के बछड़े को उस शावक के बचा लिया गया था। दिनांक 21/12/2024 दिन शनिवार को फोरेस्ट की टीम ने ड्रोन कैमरे से सर्चिंग की थी मगर बाघ का कोई सुराग नहीं मिला था। लगातार घरों और खेत में आए दिन शेर का आतंक से ग्रामीण भयभीत थे ही इस घटना से और भी दहशत में है।
पठार क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारियों की माने तो लगभग 6 से 8 शेर इन दिनों जंगलों में घूम रहे है जिसे आए दिन अलग अलग जगह में देखा जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने कुछ दिनों से नोटिस भी चस्पा कर रखे है कि शाम के बाद घर से मत निकलो, रात में अति आवश्यक होने पर ही बाहर जाए लेकिन अकेले न जाए, खेतों में अकेले न जाए, शाम होते ही घरों के सामने फटाके फोड़े । लेकिन किसान अपने खेत पूरे परिवार को तो नहीं ले जा सकता जबकि किसान को कभी भी खेतों में जाना पड़ता है और अधिकतर खेत जंगलों से लगे है ऐसे भी आए दिन किसानों की फसल जंगली जानवर नष्ट कर रहे है लेकिन फोरेस्ट विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
अब खैरलांजी की इस घटना से फोरेस्ट विभाग क्या करता है क्या शेरो को इन जंगलों से बाहर करता है या और कोई घटना होने की रास्ता देखेगा क्योंकि आज की जो घटना हुई है विभाग को पता था कि इतने शेर जब वनों के अलावा गांव के किनारे घूम रहे है पहले ही उन्हें यहां से अलग भेजने की व्यवस्था करना था मगर लोगों की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम फोरेस्ट विभाग द्वारा नहीं उठाया गया है।

ग्रामीणों ने फोरेस्ट विभाग पर किया हमला

जानकारी के अनुसार ग्रामीणों को सुखराम उइके की बॉडी मिलने के बाद ग्रामीणों को गुस्सा फूट पड़ा और फोरेस्ट विभाग पर हमला कर दिए जैसे तैसे फोरेस्ट विभाग अपनी जान बचके भागे।

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