DU Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी यानी DU इस साल मेडिकल स्ट्रीम में एक नया कोर्स शुरू करने जा रही है जो मेडिकल साइंस डिपार्टमेंट के तहत चलाया जाएगा। इस कोर्स का नाम होगा BSc इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी। शुक्रवार को हुई 1275वीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। सबसे खास बात यह है कि यह कोर्स आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली कैंट में पढ़ाया जाएगा जो इसे और खास बना देता है।
तीन साल का होगा कोर्स और एक साल की इंटर्नशिप का मौका
DU से मिली जानकारी के मुताबिक BSc इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कोर्स कुल तीन साल का होगा। यह कोर्स रेडियोलॉजी विभाग के अंतर्गत संचालित किया जाएगा। अगर कोई छात्र इंटर्नशिप करना चाहता है तो उसे एक साल की इंटर्नशिप का भी मौका मिलेगा। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को न्यूक्लियर मेडिसिन के डॉक्टरों के साथ मिलकर काम करने के लिए जरूरी ज्ञान और स्किल्स देना है ताकि वे डिपार्टमेंट की डेली एक्टिविटीज में भाग ले सकें।
इस सत्र से शुरू होगा एडमिशन का सिलसिला
DU की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में BSc इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कोर्स को मंजूरी मिलने के बाद अब यह कोर्स इसी सत्र से शुरू किया जाएगा। इसका मतलब है कि इस साल से ही छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली कैंट में इस कोर्स की क्लासेज लगेंगी जिससे स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल नॉलेज का बेहतरीन मौका मिलेगा।
कौन ले सकता है इस कोर्स में एडमिशन
DU ने BSc इन न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया भी जारी कर दिया है। इसके तहत एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स को इंडियन आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विस यानी AFMS में काम कर रहे होना चाहिए। साथ ही उनकी सेवा कम से कम 6 साल की होनी चाहिए और उनका सेवा रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए।
सेना के अलावा नौसेना और वायुसेना के लिए भी मौका
DU ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर आर्मी के पर्याप्त कैंडिडेट्स इस कोर्स के लिए उपलब्ध नहीं होंगे तो खाली सीटों पर इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी के मेडिकल असिस्टेंट्स को मौका दिया जाएगा। उनके लिए भी वही एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया लागू होंगे जो आर्मी के लिए तय किए गए हैं। इस कोर्स में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को CBSE ICSE या किसी मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड से 12वीं पास होना चाहिए जिसमें फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी या बॉटनी और जूलॉजी में कुल मिलाकर कम से कम 50 प्रतिशत मार्क्स होने चाहिए। इसके साथ ही इंग्लिश का होना भी अनिवार्य है।