12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही Air India की फ्लाइट का बड़ा हादसा इस वक्त पूरे देश की चिंता का विषय बना हुआ है। इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई और बिल्डिंग से टकराने की वजह से वहां मौजूद कई लोगों की भी जान चली गई। अब तक कुल 270 मौतों की पुष्टि हो चुकी है और यह संख्या 300 के पार भी जा सकती है। इस भयावह दुर्घटना के बाद एयर इंडिया ने अपने बेड़े की सभी उड़ानों की तकनीकी जांच शुरू कर दी है। हालांकि यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान लगातार अन्य विमानों में भी खामियां सामने आ रही हैं, जो यात्रियों के लिए डर का कारण बन रही हैं।
तिरुवनंतपुरम में एक ही दिन दो फ्लाइट्स में गड़बड़ी
22 जून यानी रविवार को एयर इंडिया की दो फ्लाइट्स में तकनीकी दिक्कतें सामने आईं, जिससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। पहली फ्लाइट जो दिल्ली से त्रिवेंद्रम जा रही थी, उसमें पक्षी टकरा गया। पायलट ने विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई लेकिन इस घटना की जांच के लिए विमान को वहीं रोक दिया गया। यह फ्लाइट उसी दिन वापस दिल्ली लौटने वाली थी, लेकिन जांच की प्रक्रिया के कारण इसे रद्द करना पड़ा। दूसरी ओर, दिल्ली से कोचीन जा रही एक और फ्लाइट को ईंधन की कमी के कारण बीच रास्ते में तिरुवनंतपुरम में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। यह लैंडिंग सुरक्षित रही, और विमान को रिफ्यूल कराकर आगे रवाना किया गया।
विमान की समस्याएं और यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
इन घटनाओं के बाद एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या एयर इंडिया यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त सतर्कता बरत रही है? अहमदाबाद हादसे के बाद एयर इंडिया ने भले ही सभी विमानों की जांच शुरू कर दी हो, लेकिन यह स्पष्ट होता जा रहा है कि कई विमान पहले से ही तकनीकी खामियों से जूझ रहे थे। इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या ये चेकिंग पहले से ही नहीं होनी चाहिए थी? जिस तरह लगातार उड़ानों को या तो रद्द किया जा रहा है या फिर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ रही है, वह दर्शाता है कि कुछ न कुछ गड़बड़ पहले से ही चल रही थी।
यात्रियों में डर का माहौल और भरोसे की कमी
इन घटनाओं का सबसे बड़ा असर उन यात्रियों पर हो रहा है जो रोजाना एयर इंडिया से यात्रा करते हैं। टिकट बुक होने के बाद अचानक फ्लाइट का रद्द होना, या बीच रास्ते में इमरजेंसी लैंडिंग की खबरें सुनना, आम लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर भी लोग एयर इंडिया को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कुछ लोग एयरलाइन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं तो कुछ ने तो यह तक कह दिया कि अब वे एयर इंडिया से यात्रा नहीं करेंगे। यात्रियों का भरोसा टूट रहा है और उसे दोबारा हासिल करना एयर इंडिया के लिए आसान नहीं होगा।
सुधार की कोशिशें और सरकार की भूमिका
एयर इंडिया ने यह साफ किया है कि हर विमान की गहन जांच की जा रही है और जब तक कोई भी विमान पूरी तरह फिट नहीं पाया जाएगा, तब तक उसे उड़ान की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह पहल सराहनीय जरूर है लेकिन देर से लिया गया कदम भी माना जा रहा है। सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अब इस पूरे मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप करना चाहिए। सिर्फ एयर इंडिया ही नहीं, बल्कि अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों की भी सुरक्षा जांच की जानी चाहिए। यह यात्रियों की जान से जुड़ा मामला है, और इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।