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Samvidhan Hatya Diwas: त्यागराज स्टेडियम में जुटे बड़े नेता, नई पीढ़ी को बताया इमरजेंसी का डरावना और सच्चा इतिहास

Samvidhan Hatya Diwas: 25 जून 2025 को देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है। दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भाग ले रहे हैं। यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है ताकि देश की नई पीढ़ी को उस काले दौर की जानकारी मिल सके जब आम जनता के अधिकार छीन लिए गए थे।

दिल्ली के कनॉट प्लेस में इमरजेंसी पर प्रदर्शनी

दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क में इमरजेंसी पर आधारित एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। इस प्रदर्शनी में उस समय के दस्तावेज़, अखबार की कटिंग्स और गिरफ्तारियों से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। खास बात यह है कि इस प्रदर्शनी में आने वाले MISA (मीसा) बंदियों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। यह प्रयास इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग समझ सकें कि उस समय अभिव्यक्ति की आज़ादी और प्रेस की स्वतंत्रता पर कैसी पाबंदियाँ लगी थीं।

Samvidhan Hatya Diwas: त्यागराज स्टेडियम में जुटे बड़े नेता, नई पीढ़ी को बताया इमरजेंसी का डरावना और सच्चा इतिहास

उत्तर प्रदेश में राज्यव्यापी कार्यक्रमों की शुरुआत

दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश में भी इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक विशाल सभा को संबोधित करेंगे और इमरजेंसी के काले दौर की सच्चाई सामने रखेंगे। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद में, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रतापगढ़ में और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बाराबंकी में ब्लैक डे कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इन कार्यक्रमों का मकसद छात्रों और आम नागरिकों तक लोकतंत्र की रक्षा का संदेश पहुंचाना है।

1975 की इमरजेंसी: जब देश के अधिकार छीन लिए गए थे

25 जून 1975 की रात जब पूरा देश सो रहा था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाने की घोषणा कर दी। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर आपातकाल की अधिसूचना जारी की जिसे मंत्रिमंडल ने बाद में मंजूरी दी। इसके बाद देश भर में विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया। प्रेस की आजादी पूरी तरह खत्म कर दी गई और आम नागरिकों के अधिकारों पर पहरा लगा दिया गया। यह 21 महीने का समय भारतीय लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय काल माना जाता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस पर तीखा वार

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस मौके पर कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि जो नेता आज संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं उन्हें हर साल 25 जून को आत्ममंथन करना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने इमरजेंसी जैसे तानाशाही फैसले लेकर संविधान को तार-तार कर दिया था। वहीं आज भाजपा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

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