अगर शरीर में Vitamin B12 की कमी को समय पर पूरा नहीं किया गया तो यह धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। आमतौर पर लोग थकान या मूड स्विंग जैसी चीजों को हल्के में ले लेते हैं लेकिन ये संकेत शरीर में विटामिन B12 की कमी की ओर इशारा कर सकते हैं। खासकर हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होना या दिनभर सुस्ती बनी रहना इस कमी के प्रमुख लक्षणों में से हैं। शरीर में इस जरूरी पोषक तत्व की कमी से नर्वस सिस्टम कमजोर हो सकता है और दिमागी संतुलन पर भी असर पड़ता है। इसलिए अगर ये लक्षण नजर आएं तो इन्हें नजरअंदाज बिल्कुल न करें।
अगर आपको रात में अचानक बहुत ज्यादा पसीना आता है और इसका कोई कारण समझ में नहीं आता तो आपको इसे मामूली लक्षण मानकर टालना नहीं चाहिए। रात में बिना वजह बार-बार पसीना आना भी विटामिन B12 की कमी का एक संकेत हो सकता है। दरअसल जब शरीर में B12 की कमी होती है तो मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है जिससे शरीर की तापमान नियंत्रण क्षमता कमजोर हो जाती है। इसी वजह से रात के समय शरीर पसीना छोड़ने लगता है। ऐसे में बेहतर यही है कि इस लक्षण को गंभीरता से लें और तुरंत अपनी जांच करवाएं क्योंकि समय पर इलाज न मिलने पर समस्या और गंभीर हो सकती है।
कैसे पूरी करें Vitamin B12 की कमी
अगर आपके शरीर में Vitamin B12 की कमी है तो सबसे पहले आपको अपने खानपान में बदलाव करना होगा। दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन जरूर करें क्योंकि इनमें विटामिन B12 की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा अंडा भी एक बहुत अच्छा स्रोत है। जो लोग नॉनवेज खाते हैं उनके लिए यह कमी जल्दी दूर की जा सकती है क्योंकि मछली, चिकन और मांस में विटामिन B12 भरपूर मात्रा में होता है। हफ्ते में कम से कम दो से तीन बार इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेकर सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है लेकिन याद रहे कि किसी भी सप्लीमेंट का सेवन बिना सलाह के न करें।
शरीर ही नहीं दिमाग पर भी पड़ता है असर
Vitamin B12 की कमी केवल शरीर की ताकत पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्थिति पर भी असर डालती है। इस कमी से एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या हो सकती है जिससे हर समय थकावट और चक्कर महसूस होता है। इसके अलावा कई बार इस कमी के कारण व्यक्ति अवसाद यानी डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों की चपेट में भी आ सकता है। हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी भी विटामिन B12 की कमी से जुड़ी हुई है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इस पोषक तत्व की कमी को पहचाना जाए और सही इलाज शुरू किया जाए ताकि शरीर और मन दोनों स्वस्थ बने रहें।