Delhi News: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया संसद के पांच सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर आया। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें आध्यात्मिक परिसर की सैर कराई गई। इस भव्य मंदिर की दिव्यता और सांस्कृतिक महत्ता ने सांसदों को गहराई से प्रभावित किया। यह दौरा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत होते सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक बन गया।
सांसदों ने न केवल मंदिर की भव्य वास्तुकला की सराहना की, बल्कि उन्होंने श्री नीलकंठ वर्णी का अभिषेक अनुष्ठान भी किया। साथ ही, उन्होंने ‘हॉल ऑफ वैल्यूज़’ में भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों पर आधारित प्रेरणादायक संदेश भी सुने। उन्होंने अक्षरधाम के संदेश – शांति, सेवा और सौहार्द्र को मानवता के लिए अत्यंत प्रेरणादायक बताया और इस अनुभव को “भावनात्मक रूप से छू लेने वाला” करार दिया।
सांसदों ने साझा किए अपने अनुभव, अक्षरधाम को बताया ‘आध्यात्मिक धरोहर’
सांसद ली टार्लामिस ने लिखा कि यह अनुभव आत्मा को छू लेने वाला था और मानवता को जोड़ने वाले सच्चे मूल्यों को समझने में मददगार रहा। पॉलिन रिचर्ड्स ने अक्षरधाम को “विश्वास और आशा का प्रतीक” बताया और बीएपीएस की उदारता की सराहना की। बेलिंडा विल्सन ने इस अनुभव को “सम्मानजनक और भाग्यशाली क्षण” कहा। सभी सांसदों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया मैत्री को साझा सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध बताया।
मेलबर्न से दिल्ली तक फैला सांस्कृतिक पुल
सांसद शीना वॉट ने अपने संदेश में लिखा कि वे भारत की सांस्कृतिक मान्यताओं, परंपराओं और श्रद्धा को इतनी गरिमा से साझा करने के लिए कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि वे इस अनुभव को मेलबर्न स्थित अपने बीएपीएस मंदिर के साथ साझा करेंगी। सांसद जुलियाना एडिसन ने मंदिर की पवित्रता और शिक्षा को जीवनभर याद रखने योग्य बताया और मंदिर प्रशासन का विशेष धन्यवाद किया।
यह दौरा केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इस दौरे ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक समझ और मानवता की एकता को और प्रगाढ़ किया है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि आध्यात्मिक स्थलों के जरिए भी अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया जा सकता है।