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Assam Assembly Elections 2026: क्या कांग्रेस हुई असम में कमजोर? विपक्षी विधायक ने क्यों कहा- अकेले नहीं हरा सकते भाजपा!

Assam Assembly Elections 2026: असम में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बीजेपी, कांग्रेस, AIUDF सहित सभी पार्टियां अब जमीनी तैयारी में जुट गई हैं। राज्य में कुल 126 विधानसभा सीटें हैं और सभी दलों की नजर अधिकतम सीटों पर कब्जा जमाने पर है। इसी कड़ी में अब बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है और हर पार्टी अपनी ताकत का दावा कर रही है।

AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम ने बड़ा बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि इस बार उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और 35 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के साथ इस रणनीति पर चर्चा हो चुकी है। अमीनुल ने कांग्रेस को कमजोर बताते हुए कहा कि वह बीजेपी को अकेले नहीं हरा सकती। उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि अगर कांग्रेस गठबंधन की सोचती है तो AIUDF जरूर विचार करेगी।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा का दावा: 104 सीटों पर बीजेपी का कब्जा संभव

AIUDF के बयान के बाद असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा शर्मा ने भी चुनावी भविष्यवाणी कर डाली। उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में बीजेपी गठबंधन की संभावित सीटों की संख्या 104 तक पहुंच सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि हकीकत और संभावना में फर्क होता है। उनका मानना है कि कम से कम 95 सीटें तो बीजेपी के पक्ष में जरूर जाएंगी। उन्होंने अंतिम निर्णय जनता के मूड पर छोड़ दिया।

क्या विपक्ष एकजुट हो पाएगा?

असम में विपक्षी पार्टियों की सबसे बड़ी चुनौती यही है कि क्या वे एकजुट होकर बीजेपी को चुनौती दे पाएंगे। AIUDF कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना पर विचार कर सकती है लेकिन दोनों पार्टियों के बीच पुराने मतभेद भी जगजाहिर हैं। कांग्रेस के पास असम में पुराना जनाधार है लेकिन पिछले चुनावों में वह कमजोर साबित हुई थी। अब देखना होगा कि आने वाले महीनों में यह समीकरण किस दिशा में मुड़ते हैं।

असम में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 2 मई 2026 को समाप्त हो रहा है। इस हिसाब से चुनाव अप्रैल 2026 में कराए जाने की संभावना है। कुल 126 सीटों पर होने वाले इस चुनाव में बीजेपी को दोबारा सत्ता में लौटने की उम्मीद है वहीं विपक्षी दल आपसी तालमेल से बीजेपी को घेरने की तैयारी में हैं। फिलहाल तो सियासी बिसात बिछ चुकी है और बयानबाज़ी की शुरुआत हो चुकी है।

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