Kanwar Yatra 2025: सावन का महीना आते ही लाखों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने शिव मंदिरों तक की यात्रा पर निकलते हैं। इस दौरान सड़क पर भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम आम बात हो जाती है। लेकिन इस बार ट्रैफिक पुलिस ने टेक्नोलॉजी की मदद से एक अनोखा इंतजाम किया है। अब कांवड़ यात्रा के रास्तों पर लगे QR कोड स्कैन कर कांवड़िये और आम लोग रूट डायवर्जन की जानकारी अपने फोन में देख सकेंगे।
ट्रैफिक पुलिस ने कांवड़ यात्रा के रूट पर कई जगहों पर QR कोड लगाए हैं। कांवड़िये या आम लोग अपने स्मार्टफोन से इन कोड्स को स्कैन कर सकते हैं। इसके लिए बस फोन में इंटरनेट होना जरूरी है और कैमरे का लेंस साफ होना चाहिए। जैसे ही कोड स्कैन किया जाएगा, मोबाइल स्क्रीन पर उस क्षेत्र में चल रहे रूट डायवर्जन और वैकल्पिक रास्तों की जानकारी मिल जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया बेहद आसान और त्वरित है।
आम यात्रियों को भी मिलेगी राहत
यह सुविधा सिर्फ कांवड़ियों के लिए नहीं बल्कि उन आम यात्रियों के लिए भी है जो रोज़ाना काम पर जाते हैं या यात्रा करते हैं। QR कोड स्कैन कर वे यह जान सकते हैं कि कौन से रास्ते कांवड़ियों के लिए आरक्षित हैं और उन्हें किन वैकल्पिक रूट्स से जाना चाहिए ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके। इससे ना सिर्फ यात्रा सुगम होगी बल्कि प्रशासन को भी भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी।
4 करोड़ से ज़्यादा कांवड़िये, इस बार सुरक्षा ज्यादा पुख्ता
पिछले साल करीब 4 करोड़ कांवड़ियों ने यह यात्रा की थी और इस बार संख्या और बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने पहले से ज्यादा मज़बूत व्यवस्था की है। सावन शिवरात्रि 23 जुलाई को मनाई जाएगी और इसके बाद भी 9 अगस्त तक श्रद्धालु गंगाजल चढ़ाते रहेंगे। इस पूरे समय के दौरान रूट प्लानिंग और सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी ना रहे, इसके लिए QR कोड तकनीक का सहारा लिया गया है।
दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार गुप्ता ने कांवड़ियों से अपील की है कि वे सिर्फ निर्धारित मार्ग का ही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए हर संभव इंतजाम किया है। कांवड़ियों से अनुरोध है कि वे ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों का पालन करें ताकि किसी को कोई असुविधा ना हो। QR कोड की मदद से यह यात्रा पहले से कहीं ज्यादा व्यवस्थित और सुगम बन सकती है।