होलकर साइंस कॉलेज इंदौर में जयस छात्र संगठन का प्रदर्शन | छात्र हित और प्राचार्य तानाशाही पर बड़ा ज्ञापन
📅 दिनांक: 25 जुलाई 2025
📍 स्थान: होलकर विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर
होलकर साइंस कॉलेज इंदौर में जयस छात्र संगठन ने आज प्राचार्य की तानाशाही, छात्र विरोधी निर्णयों और पूर्व में सौंपे गए ज्ञापनों की लगातार अनदेखी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए एक सशक्त ज्ञापन सौंपा। संगठन ने कॉलेज प्रशासन पर छात्र समस्याओं की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
जयस छात्र संगठन का कहना है कि महाविद्यालय में छात्रों की मांगों को लंबे समय से अनसुना किया जा रहा है। पहले भी कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला, कार्यान्वयन नहीं हुआ। इस बार सौंपे गए ज्ञापन में संगठन ने प्राचार्य के दोहरे रवैये, आरएसएस जैसे संगठनों के बढ़ते प्रभाव, तथा कॉलेज परिसर में ABVP गतिविधियों को लेकर भी तीखी आपत्ति दर्ज की है।
🔹 जयस छात्र संगठन की मुख्य मांगे | Holkar College Protest Demands 2025:
1. कॉलेज ड्रेस कोड निःशुल्क दिया जाए या उसकी अनिवार्यता समाप्त की जाए।
2. आरएसएस जैसे बाहरी संगठनों के कॉलेज में कार्यक्रमों पर रोक और स्पष्टीकरण दिया जाए।
3. BSc तृतीय वर्ष का परीक्षा परिणाम तुरंत जारी किया जाए।
4. छात्रवृत्ति और छात्रावास की समस्याओं का तत्काल समाधान हो।
5. गर्ल्स व बॉयज हॉस्टल की प्रथम चयन सूची शीघ्र जारी की जाए।
6. CLC राउंड में उच्च अंक प्राप्त छात्रों को प्रवेश न मिलने की जांच हो।
7. सूचना पटल के पास पंखे और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
8. ABVP के झंडे और दीवार लेखन को तुरंत हटाया जाए।
9. ABVP छात्रों को प्रवेश कैसे मिला, जिन पर कार्रवाई हो चुकी है – इसका जवाब मांगा गया।
10. गर्ल्स और बॉय्ज़ हॉस्टल की सीटें बढ़ाई जाएं।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख पदाधिकारी:
पवन अहिरवार (जिला अध्यक्ष), लखन बामनिया (जिला उपाध्यक्ष), विशाल गांगले (जिला प्रभारी), ऋषि मुजाल्दे (जिला सहप्रभारी), निर्मल बघेल (जिला सचिव), रोहित अहिरवार (होलकर अध्यक्ष), आशीष सोलंकी (संस्कृति प्रमुख), अमित जाटव (खेल मंत्री), संदेश धुर्वे, मगन मौर्य, हरिओम मुजाल्दा, सोहन मुवेल सहित अन्य कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
🔴 जयस छात्र संगठन का संदेश:
“छात्र हित सर्वोपरि है। अब किसी भी प्रकार की तानाशाही, राजनीतिक हस्तक्षेप या अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”