खरीफ की फसल में पानी नहीं मिलने से नाराज किसान
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट तिरोड़ी
किसानों को रबी की फसल में पानी नहीं मिलने से किसानों में काफी आक्रोश है। ज्ञात हो कि इस वर्ष खराब मौसम के चलते खरीफ़ की फसल किसानों को लगभग आधी हुई है जिसमें किसानों को सिर्फ लागत ही निकल पाई हुआ है। सरकार को पता है कि किसान सिर्फ और सिर्फ खेती के भरोसे रहता है जिसमें बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर का सारा खर्च तक किसान खेती के उत्पादन पर निर्भर रहता है। मगर इस वर्ष बारिश अधिक होने से और धान में अनेकों प्रकार की बीमारी लगने से फसल लगभग आधी ही हुई जिससे किसान बहुत चिंतित है।
किसानों को मिला मुआवजा
भाजपा सरकार द्वारा कुछ किसानों को 5000 रु तक मुआवजा मिला है जिसमें किसानों को फसल में बीमारी और कही कही जंगली जानवरों ने नुकसान पहुंचाया था। मगर सरकार द्वारा यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। जिस किसान को अधिक नुकसान हुआ और कुछ किसानों कम नुकसान हुआ लेकिन सरकार ने सभी किसानों को एक तराजू में तौलकर लगभग लॉलीपॉप दिया गया जिससे किसान बहुत चिंतित है।
रबी में नहीं दे रहे पानी
इस वर्ष कम फसल के चलते जहां एक ओर किसान दुखी है वहीं दूसरी ओर रबी की फसल में पानी कम दिया जा रहा है मतलब कि कलेक्टर की बैठक में किसानों को साफ साफ कह दिया गया कि धान की फसल के लिए पानी नहीं दिया जाएगा और जो पानी दिया जाएगा वह मात्र मार्च महीने तक ही पानी दिया जाएगा। किसान अपने खेतों में चना, गेहूं, सरसों की फसल लगाए जिससे कम पानी में अच्छी उत्पादन हो सके। मगर सरकार के उच्चाधिकारियों को ये नहीं पता है कि पत्थर क्षेत्र में जंगली जानवर का आतंक बहुत है जिससे चना, गेहूं, सरसों की फसल नहीं हो सकती उसके बावजूद उन्होंने फरमान जारी कर दिया कि मात्र मार्च महीने तक पानी दिया जाएगा।
खरीब की फसल से हो जाती पूर्ति
अगर किसान खरीब किं फसल में धान की फसल लगाता है तो जो रबी की फसल कम हुई है वो छती पूर्ति खरीब की फसल में धान लगाकर पूर्ति कर सकता था। किसानों की माने तो इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में मौसम अच्छा रहने का अनुमान है जिसके कारण धान की फसल अच्छी होगी। मगर धान की फसल की अप्रैल माह तक पानी चाहिए मगर सरकार सिर्फ मार्च महीने तक ही पानी देने कहे है जिससे धान की फसल का होना नामुमकिन है ऐसे में किसान ना तो चना, गेहूं, सरसों लगा पा रहा है और ना ही धान लगा पा रहा है सब तरफ से मरना किसान को ही है। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सरकार किसानों की सरकार नहीं है।
धान के लिए पानी देने की मांग
पठार क्षेत्र के किसान देवीलाल, शिवकुमार शिवने, राजेंद्र जामुनपाने, गुलाब कुन्हरे, अनकलाल डहरवाल, रमन बीटले, आनंद खेड़कर सहित अनेकों किसानों ने मांग की है कि है कि खरीब फसल के लिए राजीव सागर का पानी दिया जाय ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
