बालाघाट जिले का रूपया डबल कांड
मध्यप्रदेश के बालाघाट (balaghat) जिले सहित पड़ोसी राज्य में बहुचर्चित हो चुके लांजी और किरनापुर क्षेत्र में कथित अंबानी और अडानी कहे जाने वाले लोगों द्वारा कम समय में राशि के दोगुना करने के मामले में बालाघाट पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की है। भारत सरकार के अनियमित जमा योजना प्रतिबद्ध अधिनियम 2019 की धारा 21 (1) एवं 21 (2) तहत तीन मामले में मुख्य सोमेन्द्र कंकरायने, हेमराज आमाडारे और अजय तिड़के सहित 11 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।
हालांकि इस मामले में अजय तिड़के का भाई महेश तिड़के और हेमराज आमाडारे के साथी धनराज आमाडारे और कुंदन यादव फरार है, जिनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। पुलिस ने 10 करोड़ रूपये की राशि के साथ ही 16 मोबाईल और 3 वाहन भी बरामद किये है। जिसमें तीन आरोपियों अजय तिड़के, शिवजित चिले और मनोज सोनेकर को जेल भिजवा दिया गया है। वहीं शेष 8 आरोपियों को आज पुनः न्यायालय में पेश किया जायेगा।
बहुचर्चित राशि दोगुना करने के मामले में पुलिस कार्यवाही से हड़कंप
सालो पहले, लांजी क्षेत्र के बोलेगांव से बहुचर्चित राशि दोगुना करने के मामले की शुरूआत हुई है, जिसका बाद जमा करवाने वालों का कारवां बढ़ता चला गया। जो पूरी तरह से एक नेटवर्क के रूप में काम करने लगा। राशि दोगुना करने की जल्दबाजी में लांजी सहित किरनापुर और पूरे जिले के लोगों के साथ ही पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के व्यापारी, नौकरीपेशा, किसान और अन्य कार्यो से जुड़े लोगों ने अपना जमापूंजी, कथित दोगुना करने वाले के हाथो में सौंप दी। लाखों से शुरू यह काम कथित अंबानी और अडानी और उसके गुर्गों के माध्यम से करोड़ो तक पहुंच गया। एक जानकारी के अनुसार लगभग पांच सौ से एक हजार करोड़ के बीच इस अवैध व्यवसाय के पहुंचने की चर्चा होने लगी। लोग, कम समय में राशि, दोगुना करने के चक्कर में अपना सबकुछ इनके हाथो में सौंपते चले गये। शुरूआत में भले ही कुछ लोगों ने इसका लाभ उठाया लेकिन जब यह मामला चर्चित होने लगा तो लोगों को और आकर्षित करने के लिए कोई एक महिने, कोई दो महिने, कोई चार महिने और कोई 6 महिने में राशि के डबल करके देने का वादा कर लोगों को प्रलोभित करने में लगे थे और लोग भी राशि, दो गुना करने के लालच में अपना सबकुछ,
में कार्यवाही की तो निवेशको में हड़कंप का माहौल है। जिसको लेकर निवेशक दावा ठोंक रहे थे, वही अब पुलिस कार्यवाही के बाद पछता रहे है।
देर आये दुरुस्त आये
लांजी और किरनापुर में राशि के दोगुना करने के इस बहुचर्चित अवैधानिक मामले को लेकर लगातार प्रशासन और पुलिस पर कार्यवाही नहीं किये जाने को लेकर सवाल खड़े होते रहे। दबी जुबान से यह बात भी कही जाने लगी थी कि पुलिस इस मामले में कार्यवाही नहीं करने को लेकर दबाव में है। चूंकि इस मामले में किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं होने के कारण पुलिस भी मामले को लेकर कार्यवाही नहीं कर रही थी। वहीं इस मामले के विधानसभा में उठने के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि अब तो कार्यवाही होगी, लेकिन उसके बाद भी कार्यवाही दिखाई नहीं दी, लेकिन बालाघाट पुलिस ने देर आये दुरूस्त आये कहावत को चरितार्थ करते हुए बीते दो दिनों से अपनी जो कार्यवाही की। उससे ना केवल इस अवैधानिक कार्यों का पर्दाफाश हो सका है बल्कि वह भी पुलिस के शिकंजो में है, जिन पर कथित रूप से राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगते रहे है। पुलिस की इस कार्यवाही के बाद जहां जागरूक लोगों में सराहना हो रही है, वहीं निवेशको में अपनी राशि को लेकर चिंता है।
सरकार द्वारा पारित अधिनियम के सहारे पुलिस ने की कार्यवाही
पुलिस की मानें तो बिना अनुमति के भी किसी का पैसा जमा करने के खिलाफ भारत सरकार द्वारा अनिमित जमा योजना प्रतिबंद्ध अधिनियम 2019 के तहत अपराध करना पाये जाने पर आरोपियों के विरूद्ध अधिनियम की धारा 21 (1), 21 (2) के तहत कार्यवाही करने के अधिकार को लेकर पुलिस ने गत दो दिनों से लांजी और किरनापुर क्षेत्र के कुछ लोगों के द्वारा राशि दोगुना करने के नाम से स्वयं और एजेंटों के माध्यम से रूपये जमा कर लोगां को गुमराह करने की मिली जानकारी के आधार पर दबिश देकर अवैध राशि जमा करने वाले लोगों को पकड़ा। जिनके पास लोगों से पैसा जमा के संबंध में कोई वैधानिक अनुमति, रजिस्ट्रेशन अथवा कोई वैध दस्तावेज नहीं होने से पुलिस ने अधिनियम की धाराओं के तहत कार्यवाही कर आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से करोड़ो रूपये की रकम बरामद
लांजी और किरनापुर में तीन मामले में 11 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
इस धारा के तहत पुलिस ने लांजी में 2 और किरनापुर में एक प्रकरण दर्ज कर लांजी के अपराध क्रमांक 177/2022 में बोलगांव निवासी 28 वर्षीय सोमेन्द्र पिता योगेन्द्र कंकरायने, कोकना निवासी 28 वर्षीय तामेश पिता रामप्रसाद मंसुरे, 24 वर्षीय राकेश पिता रामप्रसाद मंसुरे एवं बोलगांव निवासी 23 वर्षीय प्रदीप पिता दिनेश कंकरायने, अपराध क्रमांक 178/2022 में बोलेगांव निवासी 36 वर्षीय हेमराज पिता तुलसीराम आमाडारे, धनराज पिता तुलसीराम •आमाडारे, कुंदन पिता सुरेश यादव, 19 वर्षीय ललित पिता खेमराज वैष्णव और 28 वर्षीय राहुल पिता राजकुमार बापुरे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं किरनापुर थाना में अपराध क्रमांक 151/2022 में किरनापुर के किन्ही चौकी अंतर्गत छिंदीकुला निवासी 38 वर्षीय अजय पिता ब्रजलाल तिड़के, महेश पिता ब्रजलाल तिड़के, डोरली निवासी 28 वर्षीय शिवजित पिता मायाराम चिले और किन्ही निवासी 33 वर्षीय मनोज पिता टेकलाल सोनेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिसमें पुलिस ने सोमेन्द्र कंकरायने, तामेश मंसुरे, राकेश मंसुरे, प्रदीप कंकरायने, हेमराज आमाडारे, ललित वैष्णव, रामचंद्र कालबेले, अजय तिड़के, शिवजित चिले और मनोज सोनेकर को गिरफ्तार किया है जबकि हेमराज आमाडारे के साथ काम करने वाले जबकि हेमराज आमाडारे के साथ काम करने वाले उसका भाई धनराज आमाडारे, कुंदन यादव और अजय तिड़के का भाई महेश तिड़के फरार है।
10 करोड़ रूपये नगद, 16 मोबाईल और 3 वाहन किये बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 करोड़ रूपये नगद, 16 मोबाईल और 3 वाहन बरामद किये है। जिसमें पुलिस ने सोमेन्द्र कंकरायने से 5 करोड, 7 मोबाईल और एक वाहन, हेमराज आमाडारे से 3 करोड़, 3 मोबाईल और एक वाहन तथा अजय तिड़के से 2 करोड़, 6 मोबाईल और एक वाहन बरामद किया है।
निवेशकों का कराया जायेगा पैसा वापस
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि राशि दोगुने के मामले में जिस भी निवेशकों के पैसे लगे है। उन्हें घबराने या चिंता करने की कोई बात नहीं है। सभी निवेशकों के पैसे वापस कराये जायेंगे। जिसके लिए लांजी और किरनापुर थाने में इसे मामले के लिए हेल्प डेस्क खोली जायेगी। जहां निवेशक शिकायत के साथ अपनी जमा राशि की जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने निवेशकों से अपील की है कि वह अपनी राशि पाने के लिए संबंधित थाना पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है और अपनी निवेश की गई राशि की जानकारी दे सकते है।भविष्य में करोड़ो रूपये के डूबने से पुलिस ने
बचाया
जिस तरह से राशि दोगुना करने का खेल चल रहा था, उससे यह साफ था कि इसकी जिंदगी लंबी नहीं है और भविष्य में लोगों की बड़ी राशि डूबने से कोई नहीं रोक सकता था। क्योंकि पुलिस की मानें तो आरोपियों द्वारा जितनी कम समय में राशि दोगुना करके दी जा रही थी, वह किसी भी तरह से संभव नहीं है। जिसके चलते आरोपी एक निवेशक से पैसा लेकर दूसरे निवेशक को उसकी समयावधि पर लौटा देते थे और यही उनका फंडा था। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग राशि दोगुना करने की लालच में आकर बड़ी राशि जमा करें और वह राशि को लेकर भाग जायें। भविष्य में संभावित आरोपियों की इस योजना पर पुलिस ने पानी फेर दिया। जिससे कम से कम भले ही निवेशकों को राशि दोगुनी न मिले लेकिन उनका मूल राशि तो जरूर वापस होने की संभावना है।
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ का कहना है कि पुलिस को लगातार इस तरह की सूचना मिल रही थी। जिसको लेकर दबाव के बाद भी पुलिस ने हिम्मत दिखाते हुए कार्यवाही को अंजाम दिया है। जिसमें पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 करोड़ रूपये, 16 मोबाईल और 3 वाहन बरामद किया है। मामले की विवेचना जारी है, इसमें जो भी तथ्य मिलेंगे, उस आधार पर कार्यवाही की जायेगी। जरूरत पड़ी तो आर्थिक अपराध की जांच करने वाले अन्य जांच एजेंसियों की भी मदद ली जायेगी। चूंकि अभी पूरा मामला विचाराधीन है। इसलिए इसमें जैसी-जैसी कार्यवाही होगी। उसकी जानकारी दी जायेगी। आम जनता से अपील है कि क्षेत्र में संचालित करने वाले इस तरह के एजेंट एवं पैसा लेकर डबल करने वालों के झांसे में आने से बचे एवं इनकी किसी भी लुभावनी योजनाओं में न फंसे। आम लोगों के द्वारा जो पैसा लगाया गया है। वह नियमानुसार आरोपियों से लेकर जनता को वापस कराया जायेगा।
समाचार संकलन प्रफुल्ल कुमार चित्रीव बालाघाट