*प्रशंसा…….*
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*दुनिया का सबसे कठिन शब्द है “वाह” जब आप किसी के लिए ऐसा बोलते हैं,तब न सिर्फ अपने अहंकार को तोड़ते हैं,बल्कि अनेकों दिल भी जीत लेते हैं।*
*लोगों को महत्वपूर्ण महसूस कराने और उनके आत्मसम्मान को बढ़ाने का एक सरल तरीका है-जब मौका मिले तब प्रत्येक प्रेरणादायक कार्य की प्रशंसा करना चाहिए।यदि केवल कार्य के पीछे छिपे उद्देश्य के बारे में चिंतन किया जावे (कर्ता कोई भी हो) तो स्वाभाविक ही ह्रदय में प्रशंसा के भाव जाग्रत हो जाते हैं।*
*उत्साहवर्धन का प्रशंसा से ज्यादा सटीक तरीका दूसरा नहीं है। लोगों को मान देना,लगातार प्रोत्साहित करना,आगे चलकर उनके सहयोग पाने का भी अचूक तरीका है।*
*जब माता-पिता या शिक्षक बच्चों की प्रशंसा करते हैं तो वे उत्साहित हो जाते हैं और उनमें एक नई उर्जा भर जाती है।*
*जब आप खास उपलब्धियों की प्रशंसा करते हैं, तो इस बात की काफी संभावना बढ़ जाती है कि वह व्यक्ति उस काम को दुहरायेगा एवं और अधिक उत्साह से करने का प्रयास करेगा,फलस्वरूप कार्य का परिणाम भी पहले से बेहतर प्राप्त होगा।*
*यदि गलती सुधारने का काम अकेले में हो एवं प्रशंसा सार्वजनिक हो तो ज्यादा असरदार सिद्ध होती है…!!*
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*🙏राधे-राधे🙏*