विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए जिला स्तर से लेकर समूचे थाना क्षेत्रों पुलिस तैयारी में जुटी है। आचार सहिता के चलते गुंडे-बदमाशों पर कार्रवाई के अलावा शस्त्र लाइसेंस वालों को तलब करके थानों में हथियार जमा करा रही है। ज्यादातर रसूखदारों के पास लाइसेंसी हथियार हैं। इसके अतिरिक्त बैंक व अन्य वित्तीय संस्थानों में कार्यरत पूर्व सैनिक या अन्य प्रशिक्षित गार्डों के पास लाइसेंसी बंदूक हैं। लाइसेंसी हथियार का चुनाव के दौरान दुरुपयोग न हो इसलिए इस बार बैंकिंग व फायनेंस संस्थान में सुरक्षा में लगे गार्डोंं की तरफ से उपयोग किए जाने वाले हथियार को भी जमा कराया जा रहा है। इस तरह आचार संहिता की अवधि में अधिकांश बैंकिंग संस्थान बिना सशस्त्र गार्ड हो जाएंगे। निहत्थे या डंडाधारी गार्ड के भरोसे वहां लेनदेन होगा। हालांकि संबंधित वित्तीय संस्थानों के द्वारा अपने जिम्मेदारी पर गार्डों को रकम की सुरक्षा के लिए शस्त्र रखने की अनुमति के लिए कलेक्टर से निवेदन किया जा सकता है। जहां से विशेष अनुमति मिलने पर पुलिस संबंधित गार्ड का हथियार जमा नहीं रखेगी।
कलेक्टर से लेनी होगी विशेष अनुमति,
निजी नाम से लाइसेंस जारी, इसलिए दिक्कत
दरअसल बैंकिंग व फायनेंस संस्थान में निजी सुरक्षा कंपनियों के गार्ड तैनात रहते हैं। इन कंपनियों में तैनात सशस्त्र गार्डों के पास जो हथियार होता है उसका लाइसेंस उनके ही नाम से जारी होता है। बैंक या सुरक्षा कंपनी के नाम से लाइसेंस नहीं लिया जाता है। इस कारण पुलिस को लाइसेंसधारियों के तैनाती की जानकारी नहीं रहती है।
बड़ी रकम की सुरक्षा के लिए विशेष अनुमति
आचार संहिता के दौरान पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहती है। ऐसे में लूट-डकैती की वारदात की संभावना नहीं रहती है। बावजूद इसके बैंकिंग या फायनेंस संस्थान में जहां बड़ी रकम का लेनदेन होता है वहां सशस्त्र सुरक्षा के लिए हथियार रखने की विशेष अनुमति दी जाए संबंधित संस्थान को आवेदन करके जिम्मेदारी लेनी होगी।
जमा कराया जा रहा है इसी कड़ी के चलते आमानगंज थाना प्रभारी अरबिंद कुजूर ने प्रेस कानफ्रेन्स कर बताया कि विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण कराने का लक्ष्य लेकर तैयारी की जा रही है। इसके तहत ही थानों में लाइसेंसी हथियारों को जमा कराया जा रहा है।