तीर्थंकर बालक आदिकुमार का मनाया गया जन्मोत्सव अमानगंज में जैन मुनि संत श्री विराग सागर जी के सानिध्य में चल रहे पंचकल्याण महा महोत्सव कार्यक्रम में आज तीर्थंकर आदि कुमार का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया खूब बधाइयां गाई गई ढोल नगाड़ों की धुन पर लोग झूमते नजर आए साथ ही ओम नमो अरिहंताणम ओम नमो सिद्धाणम जैसे मंत्रों से पूरा पंडाल गुंजायमान होता रहा आचार मुनि द्वारा बताया गया कि जब भगवान का जन्म होता है तब संसार में सभी जीवो को शांति का अनुभव आभास होता है और देवों के विमानों में लगे बादय यंत्र स्वतः बचने लगते हैं पशु पक्षी मधुर कलरव करने लगते हैं धर्मेंद्र का आसन डुलने लगता है और उसे ज्ञात होता है कि तीर्थंकर भगवान आदि कुमार का जन्म हो चुका है और वह ज्ञात कर स्वर्ग लोक से भारत की पावन भूमि पावन धरा अयोध्या नगरी में संपूर्ण देव परिवार के साथ आकर के भगवान का जन्मोत्सव मनाता है इसी जन्मकल्याण जन्मोत्सव के चलते आदिनाथ भगवान का जन्मोत्सव जुलूस समूचे अमानगंज नगर में निकाला गया जिसमें श्वेत एरावत हाथी रथ इंद्र हाथी घोड़े धर्म ध्वज हाथों में लेकर के लोग नृत्य करते हुए बड़े हर्षित हो रहे थे जुलूस में लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था महावीर भगवान की जय हो आदिनाथ भगवान की जय हो तीर्थंनकर भगवान की जय हो ऐसे नारों से समूचा नगर गुंजायमान हो रहा था भगवान के जन्मोत्सव के उपलक्ष में भोजन भंडारे की व्यवस्था भी की गई थी जिस प्रसाद को पाकर भक्त जनों के चेहरे में बड़ी मुस्कान देखी जा सकती थी साथ ही भगवान आदिकुमार का दिव्य मूर्ति का 1008 कलस जल से शिरोधरा महामस्तकाभिषेक किया गया और जन कल्याण की कामना की गई