*अंधेरे गर्दी चौपट प्रजा*
*रेत की चोरी रोकने में खनिज विभाग नाकाम*
*भंडारा गोंदिया का जिला प्रशासन बिका*
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा से लगा तिरोडा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत सावरा ग्राम जो अर्जुनी पंचायत से भी लगा हुआ है यहां पर दिन रात खनिज विभाग और पुलिस के नाक के नीचे रेत की बावनथडी नदी से पोकलेन मशीनों से बे रोक टोक रेत की निकासी की जा रही है साथ ही कई किलोमीटर दूर तक रेत का अवैध भंडारण किया गया है प्रशासन के द्वारा अवैध कामों पर नजर अंदाज करना जिला प्रशासन के फेल होने और बिका होने की ओर इशारा करता है। इस अंचल के नदी नालों में तेजी से हो रहा रेत का अवैध उत्खनन के चलते कई जगह पानी का बहाव बदल कर आस पास में भूमि का स्वरूप बिगड़ गया है। कई जगह नदी के किनारों पर पानी का बहाव बदल जाने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। यहां रेत उत्खनन करके राजस्व की चोरी करने वालों पर नकेल कसने में स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग का अमला पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।
रेत का अवैध व्यवसाय करने वालों ने आस पास के नदी नालों पर भी अपनी पैठ जमा ली है। कुछ लोगों ने यहां राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारियों से मधुर संबंध बना कर रेत आपूर्ति करने का काम ले रखा है।
क्षेत्र के सरपंचों ने बताया कि ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने के लिए कुछ जगह रेत खनन करने की अनुमति मांगी गई थी लेकिन उस कार्य में पर्यावरण विभाग की अनुमति के अलावा अन्य जटिल प्रक्रिया में उलझा कर रेत खनन की अनुमति को जानबूझ कर लंबित कर दिया गया है। ग्राम पंचायतों को भी रेत की खदान मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस अंचल में ज्यादातर जगह रेत का उत्खनन से शासन को एक रुपए की भी रायल्टी नहीं मिल पा रही है। इसके विपरीत रेत का अवैध व्यवसाय करने वाले लोग इस काम में मालामाल हो गए हैं। बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र में रेत का निजी उपयोग के मुकाबले सरकारी निर्माण कार्यों में अधिक खपत है इस सारे रेत के खेल का मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा से खुलासा जेबीटी आवाज टीवी की टीम द्वारा किया जा रहा है। और देखते रहे अगला अंक में रायल्टी का खेल।