बाढ़ की स्थिति में बचाव एवं राहत
के लिए कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक
अधिक एवं अति वर्षा की स्थिति में जिले में बहने वाली नदियों में बाढ़ आ जाने से किनारे बसे ग्रामों में पानी भरने लगता है। ऐसी स्थिति में बचाव एवं राहत के इंतजाम समय से पहले करने के मकसद से आज 09 जून को कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई और उन्हें महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये गये।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, अपर कलेक्टर श्री शिवगोविंद मरकाम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विजय डाबर, बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी, कटंगी एवं किरनापुर के एसडीएम, सभी 10 जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सभी तहसीलदार, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, होम गार्ड के जिला कमांडेंट, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ परेश उपलप, उप संचालक कृषि श्री राजेश खोब्रागड़े, जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल, उप संचालक पशु चिकित्सक डॉ पी के अतुलकर, वैनगंगा संभाग के कार्यपालन यंत्री श्री वाय एस ठाकुर एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों की सूची तैयार कर लें और नदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा के अनुसार कौन से गांव कितने प्रभावित होंगे इसकी सूची पृथक से बनायें। बाढ़ से प्रभावित होने वाली ग्राम पंचातयों में ग्राम आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित कर बाढ़ की स्थिति में विस्थापित होने वाले लोगों के लिए स्थान एवं भवन चिन्हित कर लें। सभी तहसीलदारों एवं थानेदारों को अपने क्षेत्र के गोताखोंरों को चिन्हित कर उन्हें बाढ़ की स्थिति में मदद के लिए तैयार रखने के निर्देश दिये गये। बाढ़ की स्थिति में सूचनाओं के त्वरित आदान प्रदान के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने एवं सिवनी एवं मंडला जिले के डेम एवं पुजारीटोला डेम वे छोड़े जाने वाले पानी पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिये गये। महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया एवं भंडारा जिले के बांढ नियंत्रण अधिकारियों से सतत सम्पर्क बनाये रखने एवं उन्हें नदियों में पानी छोड़े जाने की सूचना का आदान प्रदान करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे बाढ़ की संभावना वाले ग्रामों का एक बार भ्रमण कर स्थल निरीक्षण अवश्य कर लें। ऐसे ग्रामों में बाढ़ की स्थिति में राहत के लिए उचित मूल्य दुकानों में एडवांस में राशन एवं केरोसीन का भंडारण करके रखने के निर्देश दिये गये। बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों में बाढ़ की स्थिति में पेयजल मुहैया कराने की व्यवस्था तैयार कर ली जाये। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्नैक वेनम एवं एंटी रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध रखें । इसके साथ ही हर ग्राम पंचायत में 30 से 40 की संख्या में ओआरएस के पैकेट उपलब्ध रखने के निर्देश दिये गये।
बैठक में नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के नालों की सफाई करा लें और अधिक वर्षा की स्थिति में पानी का भराव होने वाले स्थानों को चिन्हित कर पानी की निकासी का इंतजाम करायें। सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के बिजली विभाग के अधिकारियों एवं लाईनमेन की बैठक लेकर वर्षा की स्थिति में बिजली के गुल होने की समस्या के निदान के उपाय करें। जिले के सभी पक्के एवं कच्चे मार्गों पर बने पुल पुलियों पर पानी होने की स्थिति में पार नहीं करने संबंधी साईन बोर्ड लगाने के निर्देश दिये गये। ऐसी ही व्यवस्था ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्र के नदी-नालों पर बने पुल-पुलियों पर करने के निर्देश दिये गये। बालाघाट-बैहर रोड पर पिछले वर्ष में हुई पहाड़ के धसकने की स्थिति से सबक लेते हुए तय किया गया कि इस वर्ष भी अधिक वर्षा की स्थिति में इस रोड पर विशेष निगरानी रखी जायेगी।
बैठक में होमगार्ड के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे बालाघाट, वारासिवनी, किरनापुर, लांजी, बैहर के साथ ही खैरलांजी के थाने में भी बोट की व्यवस्था रखें। बोट चालू हालत में होना चाहिए और उसके लिए पेट्रोल आदि का इंतजाम रखा जाये। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के बाढ़ की संभावना वाले ग्रामों के प्रभावित लोगों को ठहराने के लिए चिन्हित शाला भवनों की चाबी लेकर अपने पास रखें। सभी एसडीएम एवं जनपद सीईओ अपने वाहन में बाढ़ के दौरान बचाव व राहत कार्य के लिए लाईफ जैकेट, रस्से, टिव एवं टार्च अनिवार्य रूप से रखें।