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Ahmedabad Plane Crash: जले हुए शव और DNA की पहचान में उलझा हादसा! पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा पहुंचा सैंपल देने, परिवार कर रहे पहचान का इंतजार

Ahmedabad Plane Crash: गुरुवार को अहमदाबाद में जो विमान हादसा हुआ उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में 241 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी ज्यादातर शवों की पहचान नहीं हो पाई है। ऐसा इसलिए क्योंकि आग ने शवों को इस हद तक जला दिया है कि चेहरों को पहचान पाना लगभग असंभव हो गया है। यही वजह है कि अब डॉक्टरों की टीम डीएनए जांच के जरिए शवों की पहचान करने में जुटी हुई है। यह हादसा ना सिर्फ तकनीकी रूप से भयावह था बल्कि भावनात्मक रूप से भी एक गहरा जख्म बन गया है।

विजय रुपाणी भी बने हादसे का शिकार

इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की मौत की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। वह इस विमान में सवार थे और हादसे में उनकी भी जान चली गई। उनके बेटे ऋषभ रुपाणी गांधीनगर पहुंच चुके हैं जहां से वह कभी भी अस्पताल जाकर डीएनए सैंपल दे सकते हैं ताकि उनके पिता के शव की पहचान हो सके। यह क्षण परिवार के लिए बेहद भावुक है जहां एक बेटा अपने पिता की अंतिम झलक के लिए वैज्ञानिक तरीके का सहारा लेने को मजबूर हो रहा है।

डीएनए रिपोर्टों के इंतजार में खड़े परिवार

सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर परिवारजन लगातार इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके अपनों की पहचान हो और उन्हें अंतिम विदाई देने का मौका मिले। अस्पताल में डीएनए सैंपलिंग का काम तेजी से चल रहा है और अब तक 241 में से अधिकांश मृतकों के सैंपल ले लिए गए हैं। मेडिकल अधिकारियों के मुताबिक रिपोर्ट आने के बाद ही शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा। अभी सिर्फ उन्हीं शवों को सौंपा गया है जिनकी पहचान बिना डीएनए के हो सकी थी और वह संख्या फिलहाल केवल सात है।

सुरक्षा और गोपनीयता के सख्त इंतजाम

अस्पताल प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि मृतकों के परिजनों और डीएनए सैंपल लेने वाले डॉक्टरों के अलावा किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि परिवारों की भावनाओं की रक्षा की जा सके और कोई भी शोषण या गलतफहमी की स्थिति न बन पाए। अस्पताल के स्टाफ से लेकर सुरक्षाकर्मियों तक को खास हिदायत दी गई है कि मीडिया या किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को अंदर न जाने दिया जाए। यह व्यवस्था जरूरी भी है क्योंकि दर्द और ग़म की इस घड़ी में लोगों की निजता बनाए रखना बेहद अहम है।

प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनाएं और अंतिम श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विजय रुपाणी के परिवार से मिलने गांधीनगर पहुंचे। इस मुलाकात के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक संदेश लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि यह कल्पना भी कठिन है कि विजयभाई अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वह रुपाणी जी को दशकों से जानते थे और उन्होंने कई मुश्किल समय में साथ मिलकर काम किया था। पीएम मोदी ने उन्हें एक विनम्र और मेहनती नेता बताया जो पार्टी की विचारधारा के लिए समर्पित थे। यह श्रद्धांजलि बताती है कि यह केवल एक नेता की नहीं बल्कि एक युग की विदाई है।

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