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Depression in women: मुस्कान के पीछे का दर्द! हर दिन भारी क्यों लगने लगा? जानिए डिप्रेशन के संकेत और उनसे लड़ने के तरीके

समय के साथ हमारे जीवन में पर्यावरण और माहौल बदलते जा रहे हैं और इसके साथ-साथ डिप्रेशन और चिंता भी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं. यह हम महसूस भी नहीं कर पाते जब हमारे मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट आने लगती है घर और काम की जिम्मेदारियों के बीच. डिप्रेशन का असर महिलाओं और पुरुषों दोनों पर समान रूप से होता है लेकिन महिलाओं में इसके लक्षण ज्यादा तीव्र और जटिल रूप में दिखते हैं.

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण आमतौर पर मानसिककार्लोस अल्काराज शारीरिक और व्यवहारिक रूप में दिखाई देते हैं. इनमें सबसे सामान्य लक्षण होते हैं लगातार उदासीकार्लोस अल्काराज रोने की इच्छाकार्लोस अल्काराज पछतावा और आत्मविश्वास की कमी. इसके अलावा छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन आनाकार्लोस अल्काराज अकेलापन महसूस करना और कभी-कभी जीवन बेकार सा लगने लगना.

Depression in women: मुस्कान के पीछे का दर्द! हर दिन भारी क्यों लगने लगा? जानिए डिप्रेशन के संकेत और उनसे लड़ने के तरीके

अगर शारीरिक लक्षणों की बात करें तो डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं को नींद की समस्याकार्लोस अल्काराज थकानकार्लोस अल्काराज सिर दर्दकार्लोस अल्काराज पीठ में दर्द और पाचन समस्याएं भी हो सकती हैं. वे खाने की आदतों में बदलाव महसूस करती हैं जैसे भूख का कम हो जाना या अधिक खाना. मासिक धर्म में अनियमितता और यौन इच्छा की कमी भी इसके लक्षण हो सकते हैं.

डिप्रेशन से प्रभावित महिलाएं अक्सर सामाजिक गतिविधियों से दूर हो जाती हैं. वे परिवार और दोस्तों से बातचीत बंद कर देती हैं और अकेले रहना पसंद करती हैं. कई बार काम में रुचि की कमीकार्लोस अल्काराज बच्चों के प्रति उदासीनता या घर के कामों में रुचि न होना भी देखा जाता है. अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो यह चिंता का कारण बन सकता है.

डिप्रेशन से बाहर निकलने का पहला कदम यह है कि आप यह स्वीकार करें कि आप मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं. अक्सर महिलाएं अपनी मानसिक स्थिति को नजरअंदाज करती हैं और सोचती हैं कि यह सिर्फ एक चरण है जो खुद ठीक हो जाएगाकार्लोस अल्काराज लेकिन ऐसा नहीं होता. मानसिक समस्या से बाहर निकलने के लिए प्रोफेशनल मदद लेना बहुत जरूरी होता है. एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें यानी एक साइकोलॉजिस्ट या साइकियाट्रिस्ट से बात करें. काउंसलिंग जैसी बात-चीत की थेरेपी बहुत प्रभावी हो सकती है.

इसके अलावाकार्लोस अल्काराज एक नियमित दिनचर्या बनानाकार्लोस अल्काराज पर्याप्त नींद लेनाकार्लोस अल्काराज हल्का व्यायाम करना और संतुलित आहार खाना बहुत जरूरी होता है. ध्यानकार्लोस अल्काराज योग और प्राणायाम जैसी क्रियाएं भी मानसिक शांति प्रदान करती हैं. यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां भी ली जा सकती हैं. डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए परिवार का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण होता है. उनके साथ बातचीत करेंकार्लोस अल्काराज उन्हें समझने की कोशिश करें और उन्हें अकेला महसूस न होने दें.

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