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EaseMyTrip vs MakeMyTrip: सैनिकों की यात्रा पर नजर MakeMyTrip पर चीनी संबंधों का आरोप

EaseMyTrip vs MakeMyTrip: निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि MakeMyTrip, जो कि चीन की कंपनी Trip.com के स्वामित्व में है, भारतीय सैनिकों को टिकट बुकिंग पर छूट प्रदान करता है। इसके लिए सैनिकों को अपनी डिफेंस आईडी, यात्रा की तारीख और मार्ग जैसी संवेदनशील जानकारी दर्ज करनी होती है। पिट्टी के अनुसार, यह जानकारी चीन के पास पहुंच सकती है, जिससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

MakeMyTrip का जवाब: हम एक भारतीय कंपनी हैं

MakeMyTrip ने इन आरोपों को “प्रेरित आरोप” बताते हुए खारिज किया है। कंपनी ने कहा कि वह एक भारतीय कंपनी है, जिसकी स्थापना भारतीयों द्वारा की गई है और इसका मुख्यालय भारत में है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह देश के सभी कानूनों और डेटा गोपनीयता ढांचे का पालन करती है।पिट्टी ने दावा किया कि MakeMyTrip के 10 में से 5 बोर्ड सदस्य सीधे चीन से जुड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की चार में से तीन सबसे रणनीतिक बोर्ड समितियां या तो चीनी संबद्ध निदेशकों द्वारा संचालित हैं या उनके प्रभाव में हैं। पिट्टी के अनुसार, 14 मई 2025 को एक नए निदेशक की नियुक्ति से यह गहरी जड़ें जमा चुकी चीनी प्रभाव की संरचना नहीं बदलती।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और बहस

पिट्टी के इन आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बीच की खींचतान मानते हैं, जबकि अन्य लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि अगर यह खतरा इतना गंभीर है, तो इसे पहले क्यों नहीं उजागर किया गया।

यह विवाद डिजिटल युग में डेटा सुरक्षा और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करता है। जब संवेदनशील जानकारी जैसे कि सैनिकों की यात्रा विवरण साझा किए जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वह जानकारी सुरक्षित हाथों में है। इस मामले में, संबंधित अधिकारियों को जांच करनी चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

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