Fruits to avoid in diabetes: बचपन से हमें यही सिखाया गया है कि फल खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन हमें कभी यह नहीं बताया गया कि हर फल हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता। कुछ फलों में शुगर और फ्रक्टोज़ की मात्रा इतनी अधिक होती है कि वह इंसुलिन लेवल में बाधा डाल सकती है। अगर इन फलों को बिना संतुलन के खाया जाए तो शरीर में शुगर का स्तर अचानक बढ़ सकता है जो स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी हो सकता है।
डायबिटीज़ के मरीजों को यह जानना बहुत जरूरी है कि अत्यधिक मीठे फल जैसे आम, अंगूर, केला, अनार और चीकू उनके ग्लूकोज़ लेवल को बिगाड़ सकते हैं। इन फलों का ग्लायसेमिक इंडेक्स और फ्रक्टोज़ कंटेंट काफी अधिक होता है। यहां तक कि एक स्वस्थ व्यक्ति भी अगर रोजाना अधिक मात्रा में मीठे फल खाता है और कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करता तो धीरे-धीरे उसका वजन बढ़ सकता है और शुगर मेटाबोलिज्म प्रभावित हो सकता है। लंबे समय तक ऐसा करने से दवाइयों की मात्रा भी बढ़ानी पड़ सकती है।
नोएडा की डाइटिशियन डॉ. रक्षिता मेहरा बताती हैं कि कुछ खास फल ऐसे हैं जो शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ये सभी फलों का असर हर इंसान पर एक जैसा हो लेकिन बेहतर यही होगा कि इन फलों को सीमित मात्रा में खाया जाए और डायबिटीज़ के मरीज इनसे दूरी बनाएं। जैसे कि आम में करीब 30 ग्राम प्राकृतिक शुगर होती है जो शरीर में शुगर स्पाइक कर सकती है। वहीं पके हुए केले में 14 ग्राम तक शुगर होती है। लीची का स्वाद भले ही मन को भा जाए लेकिन 10 से 12 लीचियों में लगभग 30 ग्राम तक नेचुरल शुगर होती है। अनार को हेल्दी फल माना जाता है लेकिन 1 कप अनार के दानों में भी लगभग 24 ग्राम शुगर होती है।
अब सवाल यह उठता है कि डायबिटीज़ या वजन पर नियंत्रण चाहने वाले लोग कौन से फल खा सकते हैं। ऐसे में सेब, जामुन, अमरूद और संतरा बेहतर विकल्प हैं। सेब फाइबर से भरपूर होता है और धीरे-धीरे पचता है जिससे ब्लड शुगर पर असर नहीं पड़ता। जामुन ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद करता है। अमरूद में विटामिन C और फाइबर भरपूर होता है और इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। संतरा भी विटामिन C का अच्छा स्रोत है और इसका प्रभाव ब्लड शुगर पर बहुत कम पड़ता है।
इसलिए फल जरूर खाएं लेकिन समझदारी और संतुलन के साथ खाएं। हर फल आपकी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता खासकर तब जब आपको डायबिटीज़ हो। बेहतर होगा कि फलों के सेवन से पहले अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लें और रोजमर्रा की आदतों में फिजिकल एक्टिविटी को भी ज़रूर शामिल करें।