Google Beam: गूगल ने अपने चर्चित प्रोजेक्ट स्टारलाइन का नाम बदलकर अब उसे एक नई पहचान दी है। गूगल ने I/O 2025 इवेंट में इस 3D वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म को बीम नाम से पेश किया है। यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है और इसका मकसद वीडियो कम्युनिकेशन के अनुभव को बिल्कुल नया और वास्तविक बनाना है। बीम के साथ गूगल अब एक ऐसा सिस्टम बना रहा है जो 2D वीडियो को 3D अनुभव में बदल सकता है।
क्या है Google Beam की खासियत
गूगल के ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक बीम एक AI आधारित तकनीक है जो साधारण 2D वीडियो को 3D अनुभव में बदलने की क्षमता रखती है। इसमें कई वेबकैम एरे का इस्तेमाल कर वीडियो को अलग अलग एंगल से जोड़ा जाता है जिससे एक नया विजुअल तैयार होता है। यह टूल वीडियो स्ट्रीम को मर्ज करके उसे एक 3D लाइट फील्ड डिस्प्ले के रूप में रेंडर करता है। इसके अलावा इसमें हेड ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी है जो काफी सटीक मानी जा रही है।
To recap, here’s what’s new and coming to @GeminiApp:
🤳 Now *both* iOS and Android users can share their camera or screen in Gemini Live, free of charge (rolling out starting today).
🎨 Canvas and Deep Research are getting their biggest updates yet.
✅ Agent Mode is coming… pic.twitter.com/QLhqls2LtE
— Google (@Google) May 20, 2025
गूगल के अनुसार बीम 3D वीडियो को 60 फ्रेम प्रति सेकंड की स्पीड पर रेंडर कर सकता है जिससे वीडियो न सिर्फ स्मूद नजर आता है बल्कि रियल लाइफ जैसा अनुभव देता है। इसमें एक AI वॉल्यूमेट्रिक वीडियो मॉडल है जो 2D वीडियो स्ट्रीम को इस तरह से प्रस्तुत करता है कि वो लगभग थ्री-डायमेंशनल जैसा महसूस होता है। इसके जरिए वीडियो कॉल्स और मीटिंग्स में एक नया एहसास जुड़ता है जो पारंपरिक वीडियो प्लेटफॉर्म्स में नहीं मिलता।
डिटेल्स में दिखेगा हर भाव और नजर
इस प्लेटफॉर्म की सबसे खास बात यह है कि यह लाइट फील्ड डिस्प्ले डेप्थ और आई कॉन्टैक्ट को भी सेंसर कर सकता है। यह तकनीक इतनी उन्नत है कि वीडियो कॉल के दौरान सामने वाले व्यक्ति की बारीक से बारीक बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव भाव को भी पहचान सकती है। इससे बातचीत का अनुभव न सिर्फ तकनीकी बल्कि भावनात्मक रूप से भी जुड़ाव भरा हो जाएगा।
गूगल का यह प्रोजेक्ट सबसे पहले 2021 में I/O इवेंट में स्टारलाइन नाम से सामने आया था। उस समय इसका उद्देश्य था एक ऐसा 3D वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म तैयार करना जो वास्तविक जीवन की तरह बातचीत का अनुभव दे सके। अब जब तकनीक ने काफी तरक्की कर ली है तो गूगल ने इस प्रोजेक्ट को नया नाम दिया है और इसे और भी ज्यादा इंटेलिजेंट और इंटरेक्टिव बनाया है। बीम अब गूगल के AI विजन का एक बड़ा हिस्सा बनने जा रहा है।