आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद हमारी कई जिम्मेदारियां आसान हो गई हैं। लेकिन दूसरी ओर AI को मानव नौकरियों के लिए खतरा भी बताया जा रहा है। कई कंपनियों ने एआई के आने के बाद नौकरियां कम कर दी हैं। इस वजह से लोगों में भविष्य को लेकर चिंता बढ़ी है।
AI से हो रही कोडिंग की दुनिया में क्रांति
चैटजीपीटी और गूगल जेमिनी जैसे एआई टूल्स लगातार मानव मस्तिष्क को चुनौती दे रहे हैं। ये टूल्स हर दिन बेहतर होते जा रहे हैं। हाल ही में ओपनएआई और गूगल ने ऐसे कोडिंग टूल्स बनाए हैं जो इंजीनियरों की तरह कोडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले पांच वर्षों में कोडिंग इंजीनियरों की नौकरियां आधी तक कम हो सकती हैं।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा कि गूगल के 30 प्रतिशत सॉफ्टवेयर कोडिंग एआई की मदद से होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये टूल इंसानों की मदद के लिए हैं। पिचाई ने बताया कि गूगल आने वाले समय में और इंजीनियरों की भर्ती करेगा। उन्होंने कहा कि एआई कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकता।
इंसानों की समस्या सुलझाने की क्षमता अनमोल
सुंदर पिचाई ने कहा कि वे अपने इंजीनियरों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि करेंगे। जबकि एआई प्रोग्रामिंग में मदद कर सकता है, लेकिन इंसानों की समस्या सुलझाने की क्षमता और उनकी रचनात्मकता कभी मशीनों से पूरी तरह नहीं आ सकती। इंसान कोडिंग का आनंद भी लेते हैं जो एआई के बस की बात नहीं।
हालांकि कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि एआई आने वाले समय में कई सेक्टरों की नौकरियों को खतरे में डाल सकता है। लेकिन सुंदर पिचाई जैसे बड़े नेताओं का मानना है कि एआई से इंसान को नौकरी नहीं जाएगी बल्कि इंसान और मशीन साथ मिलकर बेहतर काम करेंगे। यह तकनीक नई संभावनाओं के दरवाजे खोलती है।