Harshvardhan Rane: फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ से पहचान बनाने वाले अभिनेता हर्षवर्धन राणे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनकी वही फिल्म जो पहले फ्लॉप मानी गई थी लेकिन हाल ही में हुई दोबारा रिलीज़ में इसने कमाल का कलेक्शन किया है। हर्षवर्धन न सिर्फ हिंदी सिनेमा का जाना पहचाना चेहरा हैं बल्कि तेलुगु फिल्मों में भी उनकी मजबूत पहचान है। ग्लैमर और लाइमलाइट से दूर रहने वाले इस अभिनेता की जिंदगी का एक अलग ही पहलू इन दिनों सामने आ रहा है। अब वह कैमरे के साथ साथ किताबों में भी खुद को झोंक चुके हैं और इसके पीछे है उनकी पढ़ाई का जुनून।
पढ़ाई और फिल्म शूटिंग दोनों में बराबर ध्यान
हर्षवर्धन राणे इस वक्त एक ओर अपनी नई फिल्म ‘दीवानियत’ की शूटिंग में व्यस्त हैं तो दूसरी ओर उनकी परीक्षा भी सिर पर है। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर बताया है कि उनकी परीक्षा जून में है और वह इस परीक्षा में अच्छा करना चाहते हैं। इसी कारण वे इन दिनों जमकर पढ़ाई कर रहे हैं और समय का हर पल पढ़ाई और शूटिंग के बीच बांट रहे हैं। फिल्मों की दुनिया में व्यस्तता के बीच अपनी पढ़ाई को जारी रखना हर किसी के लिए आसान नहीं होता लेकिन हर्षवर्धन इस चुनौती को बड़ी सादगी से अपना चुके हैं।
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साइकोलॉजी की पढ़ाई में जुटे हैं हर्षवर्धन
हर्षवर्धन राणे ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं जिनमें वे किताबों के बीच बैठे पढ़ाई करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि फिल्म की शूटिंग चल रही है और दूसरी साल की परीक्षा जून में है। मन में सिर्फ एक बात है कि अच्छा करना है। इन तस्वीरों में वह नोट्स बनाते हुए और किताबें पढ़ते हुए दिख रहे हैं। यह देखकर फैंस भी हैरान हैं कि एक अभिनेता जो फिल्मों में व्यस्त हो फिर भी पढ़ाई को इतनी गंभीरता से ले सकता है।
दीवानियत की स्क्रिप्ट है अब तक की सबसे मजबूत
हर्षवर्धन न केवल पढ़ाई को लेकर संजीदा हैं बल्कि अपनी फिल्म को लेकर भी उत्साहित हैं। उन्होंने हाल ही में शूटिंग के दसवें दिन की कुछ झलकियां शेयर कीं जिनमें उन्होंने बताया कि यह स्क्रिप्ट उनके अब तक के करियर की सबसे मजबूत स्क्रिप्ट है। यह कहानी मशहूर लेखक मुश्ताक शेख ने लिखी है और फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं मिलाप झावेरी। हर्षवर्धन ने अभिनेत्री सोनम बाजवा की भी तारीफ की और कहा कि वह एक ईमानदार और शानदार अदाकारा हैं। साथ ही फिल्म के निर्माता अंशुल को भी उन्होंने प्रतिभाशाली बताया।
पढ़ाई और एक्टिंग दोनों में संतुलन है मिसाल
हर्षवर्धन राणे इस समय जो कर रहे हैं वह उन युवाओं के लिए मिसाल है जो पढ़ाई या करियर में से किसी एक को चुनने की मजबूरी समझते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छा हो तो एक ही समय में दो राहों पर भी चला जा सकता है। फिल्म ‘दीवानियत’ का टाइटल अभी फाइनल नहीं हुआ है लेकिन यह तय है कि फिल्म के साथ साथ हर्षवर्धन की पढ़ाई की यह यात्रा भी उनके चाहने वालों के लिए प्रेरणा है। वह बार बार यह जताते हैं कि एक्टर होने का मतलब यह नहीं कि शिक्षा का त्याग कर दिया जाए। उनके संघर्ष और जुनून ने यह सिद्ध कर दिया है कि मेहनत और संतुलन से सबकुछ मुमकिन है।