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Jai Hind Sabha: तिरंगा या तकरार? कांग्रेस का 10 दिन का मिशन और सेना की शहादत पर सियासी संग्राम

Jai Hind Sabha: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया वह देश में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई के रूप में देखा गया और इसने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। इस अभियान के सफल होने के बाद जहां बीजेपी ने देशभर में तिरंगा यात्रा निकालने की शुरुआत कर दी है वहीं कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बना ली है। कांग्रेस ने एलान किया है कि वह सेना के सम्मान में देश के 15 राज्यों में दस दिनों तक ‘जय हिंद सभा’ का आयोजन करेगी। इसका मकसद सेना की बहादुरी को सलाम करना और साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवालों को भी उठाना है। यह आयोजन 20 मई से शुरू होकर 30 मई तक चलेगा जिसमें पार्टी नेताओं के साथ साथ पूर्व सैनिक और आम जनता भी शामिल होगी।

कांग्रेस का कहना है कि ‘जय हिंद सभा’ के माध्यम से वे सिर्फ सेना की शौर्यता का सम्मान नहीं करेंगे बल्कि सरकार की चुप्पी और सुरक्षा चूक पर भी सवाल खड़े करेंगे। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस सभा में देशभर के वरिष्ठ सैनिक अधिकारी नेता और आम लोग हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि यह वक्त है जब हम अपनी सेनाओं को सलाम करें लेकिन साथ ही सरकार की सुरक्षा नीति और अमेरिका की इस पूरे मामले में भूमिका पर सवाल उठाना भी जरूरी है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार अमेरिका की संदिग्ध भूमिका पर कुछ नहीं बोल रही और इस चुप्पी ने संदेह और चिंता को जन्म दिया है।

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया सर्जिकल ब्रांडिंग का आरोप

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को राजनीतिक लाभ का जरिया बना रही है और सेना की बहादुरी को पार्टी ब्रांड में बदलने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यह सैन्य ऑपरेशन पूरी तरह सेना और देश का है लेकिन बीजेपी उसे अपने चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस ने दावा किया है कि तिरंगा यात्रा सिर्फ एक राजनैतिक स्टंट है जिससे ध्यान भटकाया जा रहा है और असली मुद्दों से जनता को दूर रखा जा रहा है। इसके जवाब में कांग्रेस देशभर में रैलियां निकालेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कथित बातचीत पर भी सवाल करेगी जिसमें ट्रंप ने भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने की कोशिश का दावा किया था।

सीडब्ल्यूसी ने सुरक्षा में चूक को बताया चिंताजनक

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा हुई और एक प्रस्ताव भी पास किया गया जिसमें पहलगाम हमले को सुरक्षा तंत्र की बड़ी विफलता बताया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि जब क्षेत्र में पहले से तनाव था और खतरे की आशंका भी जताई जा चुकी थी तो फिर भी इतने बड़े पैमाने पर आतंकी हमला कैसे हो गया। इसमें कई लोगों की जान चली गई जो बेहद दुखद है। समिति का कहना है कि सरकार अब तक इस पर कोई जवाबदेही तय नहीं कर पाई है और न ही यह बताया गया है कि इन खतरों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए थे। सीडब्ल्यूसी ने आतंकियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग भी की है।

कांग्रेस अब इस पूरे मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में है और ‘जय हिंद सभा’ के जरिए देशभर में एक नया संवाद स्थापित करना चाहती है। यह सभाएं बाड़मेर शिमला हल्द्वानी पटना जबलपुर पुणे गोवा बेंगलुरु कोच्चि गुवाहाटी कोलकाता हैदराबाद भुवनेश्वर और पठानकोट जैसे शहरों में आयोजित होंगी। कांग्रेस का कहना है कि वह सिर्फ सरकार की आलोचना नहीं करेगी बल्कि सेना के प्रति देश का गर्व और समर्पण भी व्यक्त करेगी। साथ ही वह जनता को यह बताएगी कि राष्ट्रहित और सुरक्षा सिर्फ राजनीतिक नारे नहीं बल्कि सशक्त नीतियों और पारदर्शिता से संचालित होते हैं। कांग्रेस को भरोसा है कि यह पहल जनता के बीच एक नई सोच को जन्म देगी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर बहस की शुरुआत होगी।

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