Lokayukta Raid: कर्नाटक में मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिली जब लोकायुक्त अधिकारियों ने एक साथ आठ सरकारी अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की। इन अफसरों पर उनकी आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। छापेमारी के दौरान इन अधिकारियों के घरों, दफ्तरों और अन्य स्थानों से कई कीमती वस्तुएं और दस्तावेज बरामद हुए हैं। लोकायुक्त अधिकारियों की यह कार्रवाई भ्रष्टाचारियों के लिए सीधी चेतावनी मानी जा रही है।
नामचीन अफसर भी घेरे में, ऊंचे पदों पर रहते हुए की संपत्ति की बंदरबांट
लोकायुक्त की छापेमारी में जिन अफसरों के नाम सामने आए हैं वे सभी ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं। इनमें बेंगलुरु के गोविंदराजनगर में बीबीएमपी के प्रकाश एई, शिमोगा के ऑर्गेनिक फार्मिंग विभाग के डॉ. एस प्रदीप, चिक्कमगलुरु की यूएन म्युनिसिपालिटी की लेखा अधिकारी लता मणि, अनेकल नगर पालिका के मुख्य अधिकारी केजी अमरनाथ, गडग के टाउन पुलिस इंस्पेक्टर ध्रुवराज, धारवाड़ के मलप्रभा प्रोजेक्ट के इंजीनियर अशोक वसंद, और कलबुर्गी में आरडीपीआर के पूर्व इंजीनियर मल्लिकार्जुन अलीपुर शामिल हैं।
करोड़ों की संपत्ति का खुलासा, बंगले और जेवरात देखकर अधिकारी भी रह गए दंग
लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार इंजीनियर अशोक वसंद के घर से एक आलीशान बंगला मिला है जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। साथ ही, उनके घर से बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के आभूषण भी बरामद किए गए हैं। इन अफसरों ने सरकारी पदों पर रहते हुए जिस तरह से धन और संपत्ति जमा की, वह जनता के पैसों की खुली लूट का प्रमाण है। अफसरों के आलीशान जीवन और आय से कई गुना अधिक संपत्ति अब कानून के घेरे में आ चुकी है।
जांच में होगा बड़ा खुलासा, और भी नामों के उजागर होने की संभावना
लोकायुक्त की कार्रवाई अभी शुरुआती दौर में है और माना जा रहा है कि इन अफसरों से जुड़े कई और नाम और सम्पत्तियां सामने आ सकती हैं। इन अफसरों के रिश्तेदारों और सहयोगियों की संपत्ति का भी आकलन किया जा रहा है। लोकायुक्त अब इन अफसरों की बैंक डिटेल्स, जमीन-जायदाद के रजिस्ट्रेशन और निवेश से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहा है जिससे यह पता लगाया जा सके कि भ्रष्टाचार का पूरा नेटवर्क कितना बड़ा है।
जिस तरह से सरकारी पदों का दुरुपयोग कर इन अधिकारियों ने जनता के पैसे पर ऐश किया, वह लोकतंत्र और प्रशासनिक ईमानदारी पर बड़ा धब्बा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन अफसरों के खिलाफ क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं और क्या उन्हें उनके अपराधों की उचित सजा मिलती है। लोकायुक्त की यह सख्त कार्रवाई आम जनता के बीच एक नई उम्मीद जगा रही है कि भ्रष्टाचारियों के दिन अब गिने-चुने हैं।