Maratha Forts: महाराष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि मिली है। छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े 12 ऐतिहासिक किले अब यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हो गए हैं। इनमें से 11 किले महाराष्ट्र में और एक तमिलनाडु में स्थित है। ये किले मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति और वास्तुशिल्प कौशल का प्रतीक माने जाते हैं। इस सम्मान ने न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण पैदा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की खुशी, दिया ऐतिहासिक धरोहरों को देखने का न्योता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “हर भारतीय इस सम्मान से गदगद है।” उन्होंने कहा कि मराठा साम्राज्य केवल एक राजनीतिक सत्ता नहीं था, बल्कि वह एक ऐसी विरासत है जो सुशासन, सांस्कृतिक समृद्धि, सामाजिक न्याय और अद्वितीय सैन्य रणनीति का उदाहरण रही है। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इन ऐतिहासिक किलों को अवश्य देखें और मराठा गौरव को नजदीक से महसूस करें।
Every Indian is elated with this recognition.
These ‘Maratha Military Landscapes’ include 12 majestic forts, 11 of which are in Maharashtra and 1 is in Tamil Nadu.
When we speak of the glorious Maratha Empire, we associate it with good governance, military strength, cultural… https://t.co/J7LEiOAZqy
— Narendra Modi (@narendramodi) July 12, 2025
इस उपलब्धि के पीछे महाराष्ट्र के पुरातत्व विभाग की अहम भूमिका रही है। विभाग ने मराठा मिलिटरी लैंडस्केप को ‘आर्कियोलॉजिकल लैंडस्केप’ के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें सांस्कृतिक विविधता, समाज में जागरूकता और सामाजिक न्याय के मूल्यों को भी प्रमुखता दी गई। यह सिर्फ किलों की रक्षा और युद्ध की कहानी नहीं, बल्कि एक समृद्ध सभ्यता और आत्मबल का भी प्रमाण है।
सीएम फडणवीस ने जताई खुशी, कहा राज्य के लिए गर्व का क्षण
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई और कहा कि यह पूरे महाराष्ट्र के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को विश्व स्तर पर मान्यता मिलना राज्य के इतिहास और संस्कृति को नई पहचान देने वाला कदम है। इस मान्यता से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और मराठा गौरव को नई ऊंचाई मिलेगी।
यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब महाराष्ट्र में मराठी पहचान को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह ट्वीट एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि मराठा विरासत पूरे देश की धरोहर है। यह हिंदी बनाम मराठी की बहस से ऊपर उठकर एकता और संस्कृति की बात करता है, जो देश के लिए प्रेरणा है।