Uttar Pradesh: मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने सोमवार को जानकारी दी कि अब उत्तर प्रदेश के किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इससे पूरे राज्य में लगभग 12 प्रतिशत नए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। कुछ जिलों में यह आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है। इस बदलाव का सीधा असर मतदाताओं पर पड़ेगा क्योंकि उन्हें अब लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
नवदीप रिनवा ने कहा कि मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने से वोट डालने की प्रक्रिया और अधिक सरल व व्यवस्थित होगी। इससे खासकर बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग मतदाता आसानी से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। चुनाव आयोग का यह कदम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जिससे लोकतंत्र को और सशक्त किया जा सके।
मतदाता सूची संशोधन पर विशेष जोर
मेरठ के कमिश्नर ऑडिटोरियम में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवदीप रिनवा ने 15 जिलों के जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदाता सूची संशोधन, निर्वाचन प्रक्रिया और संबद्ध कानूनों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची एक विशेष डेटाबेस ‘ERO नेट’ के माध्यम से तैयार की जाती है और इसमें त्रुटियों को ठीक करने के लिए BLO की भूमिका अहम होती है।
BLO की नियुक्ति और प्रशिक्षण शुरू
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की नियुक्ति शुरू हो चुकी है। मेरठ में 15 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को BLOs की ट्रेनिंग दी जा रही है। BLO का काम केवल मतदाता सूची तक सीमित नहीं बल्कि घर-घर जाकर मतदाता जागरूकता फैलाना और लोगों की मदद करना भी होता है।
इस बार चुनावी प्रक्रिया में खास बात यह है कि चुनाव आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। इसमें पीने का पानी, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग शौचालय, दिव्यांगों के लिए रैम्प, पर्याप्त रोशनी और दिशानिर्देश चिन्ह शामिल हैं। इससे मतदान केंद्र एक सुलभ और सुरक्षित स्थान बन जाएगा।