Online Payment: इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल के साथ देश में डिजिटल भुगतान का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। आजकल ज्यादातर लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए यूपीआई से पेमेंट करते हैं। यूपीआई ने इतना आसान कर दिया है कि आप कुछ सेकंड में बड़ी रकम एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन कई बार यह सुविधा परेशानी भी बन जाती है क्योंकि गलती से पैसा गलत खाते में चला जाता है। अगर आपको भी कभी ऐसी समस्या हुई है तो अब इस परेशानी का अंत होने वाला है।
NPCI का बड़ा फैसला
अब NPCI ने एक बड़ा कदम उठाया है जिससे गलत खाते में पैसे भेजने की समस्या खत्म हो जाएगी। NPCI ने एक नई नियमावली लागू की है जो आपके पैसे को सुरक्षित रखने में मदद करेगी। इस नए नियम के तहत जब भी आप यूपीआई के जरिए पेमेंट करेंगे तो आपको पैसे प्राप्तकर्ता का असली नाम दिखेगा जो बैंक के कोर सिस्टम में दर्ज होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अब आप फोन में सेव नाम देखकर पैसे नहीं भेज सकेंगे बल्कि बैंक रिकॉर्ड के अनुसार सही नाम दिखेगा। इससे आपको पहले ही पता चल जाएगा कि आप सही व्यक्ति को पैसे भेज रहे हैं या नहीं।
नए नियम की खासियत
NPCI के इस नए नियम से यूपीआई उपयोगकर्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। अब यदि आप गलती से भी किसी गलत नाम को चुनते हैं तो पैसे ट्रांसफर करने से पहले ही असली नाम दिखने की वजह से आपको चेतावनी मिलेगी। इससे करोड़ों लोगों के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह नियम P2P यानी व्यक्ति से व्यक्ति और P2PM यानी व्यक्ति से व्यापारी लेनदेन दोनों पर लागू होगा। इसका मुख्य उद्देश्य गलत खाताधारक को पैसे भेजने की समस्या को पूरी तरह खत्म करना है।
कब से लागू होगा नया नियम
NPCI के अनुसार यह नया नियम 30 जून 2025 से देश भर में लागू हो जाएगा। इस दिन से सभी यूपीआई प्लेटफॉर्म जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम और भीम को अपने सिस्टम में इस बदलाव को शामिल करना होगा। इससे करोड़ों उपयोगकर्ताओं को डिजिटल लेनदेन करने में आसानी होगी और वे बिना किसी डर के सुरक्षित तरीके से पैसे भेज सकेंगे। यह बदलाव डिजिटल भुगतान को और भी भरोसेमंद बनाएगा।
उपयोगकर्ताओं के लिए फायदे
इस नए फीचर से यूपीआई उपयोगकर्ता अब ज्यादा सतर्क रहेंगे और गलती से पैसे गलत खाते में जाने का खतरा लगभग खत्म हो जाएगा। पहले जहां नाम से कन्फ्यूजन होता था अब असली बैंक रिकॉर्ड वाला नाम दिखेगा जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी। यह फीचर डिजिटल भुगतान को और भी पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा। यूजर का अनुभव बेहतर होगा और वे मन की शांति के साथ ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे।