Operation Sindoor की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक अहम सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला लिया है। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई की पूरी जानकारी सभी दलों को दी जाएगी। साथ ही सीमा सुरक्षा से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर चला जाए ताकि देश की सुरक्षा से जुड़ी हर रणनीति पर सबकी राय और समर्थन मिल सके।
सभी दलों के प्रमुख नेताओं को भेजा गया निमंत्रण
सरकार की तरफ से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने के बाद सभी दलों ने भारतीय सेना की इस कार्रवाई का समर्थन किया है। इसलिए यह बैठक एकता और सहमति का प्रतीक भी मानी जा रही है। सरकार चाहती है कि सुरक्षा मामलों में किसी भी तरह की राजनीतिक खींचतान न हो और पूरा देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो।
राहुल गांधी और खरगे की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी बैठक में उपस्थित रहेंगे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भी बैठक में शामिल होने की पुष्टि की गई है। यह उपस्थिति इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष के बीच तालमेल दिखाना देश की एकता और संप्रभुता को मजबूत करता है।
सभी दलों की मौजूदगी से मिलेगी एक मजबूत रणनीति
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने जानकारी दी कि इस बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल होंगे। यह बैठक संसद भवन परिसर के कमेटी रूम में सुबह 11 बजे होगी जिसकी जानकारी खुद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा की है। उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार ने 8 मई को नई दिल्ली में यह बैठक बुलाकर यह दिखाया है कि सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वह किसी भी तरह की राजनीति नहीं चाहती बल्कि साझा रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहती है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी बैठकें अब और बड़ा निर्णय संभव
इससे पहले भी जब 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ था तब भी सरकार ने अगले ही दिन सर्वदलीय बैठक बुलाकर देश की सुरक्षा और आगे की रणनीति पर सभी नेताओं को जानकारी दी थी। उसी तर्ज पर अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी यह बैठक बुलाई गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार भविष्य में और बड़े फैसले ले सकती है और उसके लिए सभी दलों को पहले से साथ लेकर चलना चाहती है। देश की सुरक्षा और एकजुटता की दिशा में यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।