Pahalgam Attack: पहलगाम आतंक हमले के आरोपी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं और सुरक्षा एजेंसियां लगातार उन्हें पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। पिछले महीने इन आतंकवादियों की तस्वीरें जारी की गई थीं और उन पर 20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। इसके बावजूद अब तक इन आरोपियों का कुछ पता नहीं चला है। अब इन आतंकवादियों के पोस्टर विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं ताकि उन्हें जल्दी से जल्दी पकड़ा जा सके।
22 अप्रैल को हुए आतंक हमले का खौ़फनाक सच
पहलगाम , जो जम्मू और कश्मीर का एक बेहद खूबसूरत इलाका है, 22 अप्रैल को अचानक सुर्खियों में आ गया जब आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया। इन आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा और फिर बिना किसी चेतावनी के गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की मौत हो गई। इस घटना के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां इन आतंकवादियों की खोज में जुटी हुई हैं। पहले sketches जारी किए गए, फिर पोस्टर लगाए गए और अब इन आतंकवादियों के बारे में सूचना देने पर इनाम की घोषणा की गई है।
आतंकवादियों के नाम और उनकी पहचान
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इस हमले में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शामिल थे। इन आतंकवादियों में पाकिस्तान के हैशिम मूसा उर्फ सुलैमान और अली भाई उर्फ तलहा भाई शामिल हैं। इसके साथ ही, अनंतनाग का स्थानीय आतंकवादी आदिल ठोकर भी इस हमले में शामिल था। इन आतंकवादियों को पकड़ने के लिए जानकारी देने पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा गया है। इसके साथ ही, इस जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
स्थानीय पुलिस द्वारा किये गए प्रयास और ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम हमले के अगले दिन ही जम्मू और कश्मीर पुलिस ने इन आतंकवादियों के बारे में जानकारी देने के लिए इनाम का ऐलान किया था। पुलिस ने यह भी कहा था कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा ताकि उसे कोई नुकसान न पहुंचे। इसके बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने इन आतंकवादियों के sketches जारी किए और उनकी पहचान करने में मदद मांगी। इसके बाद भारतीय सरकार ने इस हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष और संघर्ष के बाद की स्थिति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और दोनों देशों के बीच तीन दिनों तक संघर्ष चला। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त जवाब दिया। इस संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता हुआ और दोनों देशों ने एक दूसरे से शांतिपूर्वक रहने की अपील की। इसके बाद अब तक की स्थिति में, भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है।