Periods In Early Age: कुछ साल पहले तक लड़कियों को पीरियड्स 14 से 15 साल की उम्र में आते थे लेकिन अब यह उम्र घटकर 10 से 12 साल हो गई है। कुछ मामलों में यह उम्र 9 साल तक भी पहुंच चुकी है। इतनी कम उम्र में जब लड़कियों को शरीर के बदलाव की समझ भी नहीं होती तब पीरियड्स का आना उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर देता है। कई बार बच्चियों को यह भी नहीं पता होता कि यह क्या हो रहा है जिससे वे डर और घबराहट में आ जाती हैं।
क्यों कम हो रही है पीरियड्स की उम्र
गायनेकोलॉजिस्ट डॉ मीरा के अनुसार समय से पहले पीरियड्स आने के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण खराब खानपान है। बच्चे दिनभर जंक फूड खाते हैं और मीठा ज्यादा लेते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक पैक्ड फूड का सेवन और कॉस्मेटिक उत्पादों का इस्तेमाल भी हार्मोन्स को प्रभावित करता है। बच्चों पर सोशल मीडिया का प्रभाव भी बढ़ रहा है जिससे वे समय से पहले मानसिक रूप से व्यस्क बनते जा रहे हैं। कुछ मामलों में ब्रेन ट्यूमर थायरॉइड जैसी बीमारियों के कारण भी यह समस्या आती है।
अगर पीरियड्स बहुत जल्दी शुरू हो जाते हैं तो शरीर के बाकी हिस्सों का विकास समय पर नहीं हो पाता जिससे मानसिक और शारीरिक असंतुलन हो जाता है। छोटी उम्र में ही पीरियड पेन शुरू हो जाता है और बच्चियों को इसका सामना करना मुश्किल होता है। कई बार बच्चियां इस दर्द को समझ नहीं पातीं और चुपचाप सहती रहती हैं। मानसिक तनाव बढ़ जाता है और पढ़ाई से लेकर खेलकूद तक सब प्रभावित होता है। समय से पहले हार्मोनल बदलाव होने से बच्चियों में चिड़चिड़ापन और थकान भी बढ़ जाती है।
कैसे रोका जा सकता है समय से पहले पीरियड्स आना
सबसे जरूरी है कि बच्चों को संतुलित और पोषण युक्त खाना दिया जाए। चीनी ठंडा पेय और जंक फूड बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। बच्चों को हर दिन खेल या वॉक जैसी कोई न कोई शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए जिससे उनका शरीर सक्रिय बना रहे। योग में पश्चिमोत्तानासन भुजंगासन सेतुबंध आसन बालासन और सूर्य नमस्कार जैसे आसनों से हार्मोनल संतुलन बनाया जा सकता है। प्लास्टिक की बोतलें और डिब्बे बच्चों की जिंदगी से पूरी तरह हटाने चाहिए।
बच्चों को समय पर सुलाना और समय पर उठाना बहुत जरूरी है क्योंकि नींद की कमी हार्मोन्स पर सीधा असर डालती है। बच्चों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच समझकर और नियंत्रित रूप से करना चाहिए। माता पिता को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए और उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना चाहिए। अगर किसी लड़की को 8 साल से पहले ही पीरियड्स शुरू हो जाएं तो बिना देरी डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।