PM Modi visits 5 countries: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 जुलाई से शुरू हो रही पांच दिवसीय विदेश यात्रा का पहला पड़ाव है घाना। यह दौरा भारत और घाना के 30 सालों में पहले प्रधानमंत्री स्तरीय संवाद को चिह्नित करता है। घाना भारत के लिए सोने और अन्य खनिज संसाधनों का बड़ा स्रोत है। पीएम मोदी के इस दौरे का मकसद द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना, तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना और अफ्रीका में भारत की कूटनीतिक पकड़ को और मजबूत बनाना है।
कैरिबियन क्षेत्र में त्रिनिडाड और टोबैगो भारत के लिए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां भारतवंशियों की एक बड़ी आबादी है, जो 19वीं सदी में भारत से आए प्रवासियों की संतानें हैं। इस देश में पीएम मोदी भारतीय प्रवासियों से संवाद करेंगे और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाएं तलाशेंगे। साथ ही यह दौरा ‘सागर’ नीति के अंतर्गत भारत के कैरिबियन क्षेत्र में प्रभाव को बढ़ाने का एक मौका है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi emplanes for Ghana.
This will be Prime Minister’s first-ever bilateral visit to Ghana. PM Modi will pay an official visit to Trinidad & Tobago (T&T) from July 03 – 04, 2025. PM Narendra Modi will visit Brazil from July 5 to 8 to participate… pic.twitter.com/fhLe4AeZQp
— ANI (@ANI) July 2, 2025
अर्जेंटीना और ब्राजील: दक्षिण अमेरिका में भारत की मौजूदगी
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की दक्षिण अमेरिका में रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने का प्रयास है। अर्जेंटीना जैसे देश लिथियम जैसे संसाधनों के कारण भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद अहम हैं। वहीं ब्राजील में आयोजित BRICS सम्मेलन में भाग लेना भारत के लिए वैश्विक मंच पर नेतृत्व साबित करने का अवसर है। दोनों देशों से भारत को खाद्य सुरक्षा, व्यापार विस्तार और वैश्विक कूटनीति में सहयोग की उम्मीद है।
नामीबिया में भारत की रणनीतिक गहराई
अफ्रीका में भारत की गहराई को और मजबूत करते हुए पीएम मोदी नामीबिया भी जाएंगे। यह यात्रा खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते खोलेगी। पीएम मोदी यहां संसद को संबोधित करेंगे और शिक्षा व सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी चर्चा करेंगे। यह दौरा भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ नीति के तहत अफ्रीका के साथ साझेदारी को और मजबूत बनाएगा।
पीएम मोदी की यह बहुप्रदेशीय यात्रा भारत को कई मोर्चों पर लाभ पहुंचाएगी। पहला, भारत की ऊर्जा और खनिज सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। दूसरा, भारत की सॉफ्ट पावर यानि सांस्कृतिक और शिक्षा क्षेत्र में प्रभाव बढ़ेगा। तीसरा, BRICS जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका और मजबूत होगी। चौथा, अफ्रीका और कैरिबियन क्षेत्र में भारत का कूटनीतिक प्रभाव गहराएगा। और पांचवां, प्रवासी भारतीयों के साथ संपर्क मजबूत कर भारत वैश्विक स्तर पर जन-आधारित समर्थन भी प्राप्त करेगा।