Skin Cancer एक ऐसी बीमारी है जो हमारी त्वचा की कोशिकाओं में होने वाले असामान्य बदलाव के कारण होता है। यह आमतौर पर सूरज की रोशनी में ज्यादा समय बिताने वाले लोगों में देखा जाता है। स्किन कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से की त्वचा में हो सकता है लेकिन यह सबसे ज्यादा चेहरा गर्दन और हाथों पर पाया जाता है क्योंकि यह हिस्से सूरज के सीधे संपर्क में रहते हैं। यह बीमारी धीरे धीरे बढ़ती है और अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह खतरनाक रूप ले सकती है।
स्किन कैंसर के मुख्य लक्षण
स्किन कैंसर के लक्षण शुरुआत में बहुत मामूली लग सकते हैं लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। सबसे आम लक्षणों में त्वचा पर अचानक कोई नया तिल या पुराने तिल में बदलाव आना शामिल है। तिल का रंग बदल जाना उसका असामान्य आकार हो जाना या उसमें खुजली जलन या खून आना भी एक संकेत हो सकता है। त्वचा पर कोई घाव जो बहुत समय से ठीक न हो रहा हो वह भी स्किन कैंसर का संकेत हो सकता है। यदि समय रहते इन लक्षणों को पहचाना जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
स्किन कैंसर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं। पहला होता है बेसल सेल कार्सिनोमा जो सबसे आम होता है और धीरे धीरे बढ़ता है। यह आमतौर पर चेहरे या गर्दन पर होता है और ज्यादा गंभीर नहीं होता अगर समय पर इलाज हो जाए। दूसरा प्रकार है स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा जो त्वचा की ऊपरी परतों में होता है और थोड़ा तेज़ी से फैलता है। तीसरा और सबसे खतरनाक प्रकार है मेलानोमा जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और यह बहुत तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। मेलानोमा के इलाज में देर होने पर जान का खतरा भी हो सकता है।
इलाज के तरीके और सावधानियां
स्किन कैंसर का इलाज उसके प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। इलाज के लिए सबसे आम तरीका सर्जरी है जिसमें कैंसर वाली त्वचा को काटकर निकाल दिया जाता है। इसके अलावा रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है खासकर तब जब कैंसर फैल चुका हो। नई तकनीकों में इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही यह जरूरी है कि सूरज की तेज़ रोशनी से बचाव किया जाए। धूप में बाहर निकलते वक्त सनस्क्रीन लगाना टोपी और पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनना बहुत जरूरी होता है।
अगर स्किन कैंसर के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान लिया जाए तो इसका इलाज बहुत आसान हो सकता है। किसी भी असामान्य तिल या त्वचा पर बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय समय पर त्वचा की जांच करवाते रहना और डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी होता है। जिन लोगों की त्वचा गोरी होती है या जिनके घर में पहले किसी को स्किन कैंसर हो चुका है उन्हें और ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। समय पर की गई जांच और इलाज से स्किन कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।