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Supriya Sule: जब पाकिस्तान ने अपनाया भारत का तरीका तो सुप्रिया सुले ने खोला राज! भारत की सच्चाई से क्यों डर गया पाकिस्तान?

Supriya Sule: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले इस समय एक बहु-पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं जो मिस्र की यात्रा पर है। जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान भी भारत की तरह अन्य देशों में प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है तो उन्होंने बहुत सटीक और कूटनीतिक जवाब दिया। सुप्रिया सुले ने कहा कि इसका सीधा मतलब है कि भारत की पहल सफल रही है और इसी वजह से पाकिस्तान को भी वही कदम उठाने पड़ रहे हैं। यह भारत की रणनीति और नेतृत्व की उस प्रभावशाली ताकत को दर्शाता है जिसने वैश्विक स्तर पर एक सकारात्मक प्रभाव डाला है।

मिस्र ने दिखाया भारत के प्रति मजबूत समर्थन

कैरो में सुप्रिया सुले ने मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्देलाती से एक रचनात्मक और सकारात्मक बैठक की। इसके अलावा उन्होंने वहां के स्थानीय नेताओं विचारकों और थिंक टैंकों से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत की ओर से मिस्र की नेतृत्व को धन्यवाद दिया कि उन्होंने कठिन और दर्दनाक समय में भारत का साथ दिया। इस बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की तरफ से जो शांति की प्रतिबद्धता है वह हर स्तर पर कायम है। इस प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा भारत और मिस्र के रिश्तों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।

ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

सुप्रिया सुले ने बातचीत के दौरान बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को न केवल भारत के नागरिकों का समर्थन मिला है बल्कि कई देशों ने भी इसका साथ दिया है। इससे भारत की विश्वसनीयता में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने उन लोगों से बात की जो पहले झूठी खबरों से भ्रमित थे और उन्हें सच्चाई बताई गई तो उन्होंने भारत के प्रतिनिधिमंडल के प्रयास को एक बेहद सही और आवश्यक कदम बताया। यह दर्शाता है कि कैसे एक सशक्त संवाद और वास्तविक जानकारी के जरिए झूठ और भ्रम को खत्म किया जा सकता है।

झूठी खबरों के बीच सच्चाई की लड़ाई

सुप्रिया सुले ने स्पष्ट कहा कि आज की दुनिया में जहां सोशल मीडिया हर चीज़ को कुछ ही सेकंड में फैला देता है वहां सही और गलत के बीच की रेखा बहुत धुंधली हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सप्ताहों में भारत के खिलाफ कई फर्जी खबरें फैलाई गईं जिनका कोई आधार नहीं था। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की गई ताकि दुनिया को यह बताया जा सके कि भारत में वास्तव में क्या हुआ था। यह सिर्फ एक कूटनीतिक प्रयास नहीं था बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी थी कि सच्चाई को सामने लाया जाए।

सात प्रतिनिधिमंडल और एक राष्ट्रीय मिशन

प्रधानमंत्री मोदी ने सात प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया और हर दल में पांच सांसदों को शामिल किया गया। इन दलों को विभिन्न देशों में भेजा गया ताकि वे भारत की सच्चाई को वहां की सरकारों और समाज के नेताओं तक पहुंचा सकें। मिस्र उन देशों में से एक है जिसने भारत के कठिन समय में न सिर्फ समर्थन दिया बल्कि यह स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा। सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें हर जगह से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और लगभग सभी ने यही कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ हैं और भारत के साथ खड़े हैं।

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